दुर्ग। 5 एकड़ बंजर जमीन को जंगल बनाकर एवं अपने गांव कोड़िया से लेकर महाराजा चौक दुर्ग तक सड़क के दोनों किनारे 300 बरगद, पीपल ,नीम व पाकर के पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण की दुर्ग जिले एवं प्रदेश में अलख जगाने वाले ट्री-मैन के नाम से विख्यात पर्यावरण प्रेमी गैंदलाल देशमुख नहीं रहे। गुरुवार की देर रात उन्होंने घर पर अंतिम सांस ली। 94 वर्ष की आयु में सबका साथ छोड़ जाने वाले देशमुख जीवन भर सिर्फ पर्यावरण के लिए काम करते रहे। उन्होंने अपने अंतिम दिनों में भी पर्यावरण को बचाने के लिए संघर्ष किया। जीवन भर वह लोगों को यह संदेश देते रहे कि प्रकृति है, तो हम सब हैं। हमें पौधारोपण ही नहीं करना है, बल्कि उसे बचाना बहुत जरूरी है। इस संदेश के साथ उन्होंने जीवन भर काम किया और 5 एकड़ बंजर जमीन को अपने अकेले के अथक प्रयासों से उसे जंगल में बदल दिया।