रायपुर। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीदी के लिए छत्तीसगढ़ में बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। राज्य में अनुमानित धान उपार्जन 89.00 लाख मे. टन के लिए लगभग 4.45 लाख गठान बारदानों की आवश्यकता संभावित है। वर्तमान में लगभग 67.35 लाख मे. टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। 89 लाख मे. टन धान के अनुमानित उपार्जन के विरूद्ध लगभग 21.65 लाख मे. टन का उपार्जन किया जाना शेष है। शेष धान के उपार्जन के लिए लगभग 1.08 लाख गठान बारदानों की आवश्यकता होगी। जिसके विरूद्ध वर्तमान स्थिति में लगभग 53 हजार गठान बारदाने उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त कस्टम मिलिंग के लिए धान के उठाव से लगभग 35 हजार गठान मिलर बारदानें प्राप्त होने हैं। वर्तमान में धान के उठाव से लगभग 10 से 12 हजार गठान मिलर बारदाने प्रति सप्ताह प्राप्त हो रहे हैं, अतः धान खरीदी की शेष अवधि में 35 हजार गठान मिलर बारदाने प्राप्त होने की पूर्ण सम्भावना हैं। साथ ही लगभग 10 हजार गठान एचडीपीई/पीपी बारदानों की नवीन आपूर्ति भी होनी हैं। वर्तमान में लगभग 5 हजार गठान एचडीपीई/पीपी बारदाने प्रति सप्ताह प्राप्त हो रहे हैं, अतः धान खरीदी की शेष अवधि में 10 हजार गठान एचडीपीई/पीपी बारदाने प्राप्त होने की पूर्ण सम्भावना हैं।
इसी प्रकार पीडीएस दुकानों से 10 हजार गठान बारदानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिलों की मांग अनुसार चावल के अग्रिम भण्डारण-वितरण की अनुमति प्रदान की जा रही है। इस प्रकार कुल 1.08 लाख गठान बारदानों की आवश्यकता के विरूद्ध शत-प्रतिशत् बारदानों की आपूर्ति राज्य शासन द्वारा सुनिश्चित की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त जूट कमिश्नर के माध्यम से लगभग 36 हजार गठान नये जूट बारदाने भी अपेक्षित हैं।
उपरोक्त व्यवस्था के बावजूद भी यदि किसी समिति में बारदानों की आवश्यकता उत्पन्न होती है, तो इसके लिए किसान बारदानों में धान खरीदी की अनुमति भी राज्य शासन द्वारा प्रदाय की गई है। इस प्रकार धान खरीदी के लिए राज्य में बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।