जगदलपुर। जिला मुख्यालय के आसपास के क्षेत्र में इन दिनों बिना अनुमति और बिना एनओसी के अवैध लाल ईंट भट्टे का कारोबार जोरों से चल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत कुरन्दी, बिलोरी, सुलियागुड़ा, गारावंड व कलचा जैसे कई पंचायतों में बाहर से मजदूर लाकर ईंट बनवाया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईंट भट्टे मालिक अपने तरीके से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने न तो पंचायत से एनओसी ली है ना ही माइनिंग विभाग से अनुमति। उसके बाद भी अवैध तरीके से ईंट का निर्माण किया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को ईंट भे का व्यापार करना है तो उसे मिट्टी उत्खनन के लिए लीज की स्वीकृति लेने के लिए पर्यावरण विभाग की एनओसी, वन विभाग की एनओसी, ग्राम पंचायत की मंजूरी, निर्माण करने वाले लोगों का लायसेंस आदि तैयार कराना होता है। क्षेत्र में चल रहे ईंट भट्टों से पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। वनों के समीप ईट भी जलने से वनों को भी नुकसान व रहवासी क्षेत्र के पास लगे होने से दिन भर धुंआ फैलता रहता है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
ग्राम पंचायत बिलोरी सरपंच उमन बघेल का कहना है कि ईंट भा के एनओसी के लिए बहुत सारे आवेदन आए हैं, पर किसी को पंचायत से अभी तक एनओसी नहीं दिया गया है। उनके द्वारा बिना एनओसी मिले ईंट भा निर्माण नहीं करने की हिदायत भी व्यापारियों को दी है। उन्होंने यह भी बताया कि गांव के सार्वजनिक नाले के पानी का उपयोग मालिक द्वारा किया जा रहा है, जबकि उन्हें इसके लिए मना किया गया है।
कुरेंदी सरपंच बिमला कश्यप ने बताया कि पंचायत में जो ईंट भों का निर्माण किया जा रहा है, इसमें पंचायत से एनओसी नहीं लिया गया है और बिना पंचायत की अनुमति से ही अवैध रूप से ईंट भों का संचालन किया जा रहा है इस विषय में माइनिंग अधिकारी हेमंत चेरपा से फोन पर जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि आपके माध्यम से हमें जानकारी मिली है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से ईंट भा का काम इन दिनों जोरों पर चल रहा है। अगर अवैध रूप से संचालित हो रही है तो जांच उपरांत अवैध ईंट भा के मालिकों पर उचित कार्रवाई भी की जाएगी।