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आज केंद्र और किसानों के बीच अहम बैठक, वार्ता के लिए सिंघु बॉर्डर से निकले किसान

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नए साल से पहले गतिरोध हटाने का अंतिम मौका
नई दिल्ली।
सरकार ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर देश के 40 किसान संगठन आखिरकार सरकार से बातचीत को एक बार फिर राजी हो गये हैं। हालांकि किसानों ने पुराने ऐजेंडे पर ही बातचीत करने की बात कही है। किसानों और सरकार के बीच राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आज अगले दौर की बातचीत होनी तय है। नये साल से पहले होने वाली इस बैठक पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। इसी बीच सिंधु बॉर्डर से किसानों का प्रतिनिधि दल वार्ता के लिए रवाना हो गया है।
सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को दोपहर 2 बजे से छठवें दौर की बैठक होगी। इस बैठक में केंद्र सरकार के मंत्री, कृषि मंत्रालय के अधिकारी और आंदोलन कर रहे 40 किसान संगठनों के नेता शामिल होंगे। किसानों और सरकार के बीच यह अब तक की छठे राउंड की चर्चा होगी।
किसानों ने सरकार से मुलाकात से पहले अपने चार मुख्य मुद्दे गिना दिए हैं, लेकिन सरकार भी कानून ना वापस लेने के मूड में है। किसानों की मांग है कि नये कृष कानून को रद्द किया जाये लेकिन सरकार ऐसा न करके इसमें कुछ संशोधन करने की इच्छा जता चुकी है। दोनों अपनृअपनी बातों पर अड़े हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने के लिये नये साल से पहले यह आखिर मौका भी होगा, इसलिये इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है।
गौरतलब है कि किसान संगठनों ने सितंबर में लागू किये गये नये कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तौर तरीके सहित एजेंडे पर मंगलवार, 29 दिसंबर, को वार्ता करने का पिछले हफ्ते एक प्रस्ताव सरकार को दिया था, जिसके बाद सरकार ने उन्हें आमंत्रित किया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पूरे समर्पण के साथ किसानों और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने का काम करती रहेगी।
केंद्र सरकार की ओर से किसानों से भी कई बार कहा जा चुका है कि वो कृषि कानून वापस नहीं लेगी। ऐसे में किसानों से चर्चा कर उनकी समस्याओं का हल करने को तैयार है। बीते दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पीयूष गोयल के बीच लंबे दौर की बातचीत हुई, जिसमें किसानों संग मुलाकात की रणनीति बनाई गई। इस तरह के गतिरोध के बीच आज होने वाली बैठक पर सभी की नजरें टिकी हुईं हैं।