अंतिम यात्रा में शामिल हुए सीएम बघेल, विस अध्यक्ष, पीसीसी चीफ व मंत्रिमंडल के सदस्य
मप्र के सीएम शिवराज, नेता प्रतिपक्ष कौशिक, पूर्व सीएम डॉ. सिंह, बृजमोहन अग्रवाल भी हुए शामिल
रायपुर। अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा आज पंचतत्व में विलीन हो गए। दुर्ग में शिवनाथ नदी तट पर अंतिम संस्कार कार्यक्रम में उनके जेयष्ठ पुत्र अरविंद वोरा ने मुखाग्नि दी। इस दौरान राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्य उपस्थित थे। इनके अलावा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांड़ेय, विधायक बृजमोहन अग्रवाल उत्तराखंड़ के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, महाराष्ट्र के उर्जा मंत्री नितिन राउत, मुकुल वासनिक सहित विभिन्न राजनैतिक दलों को नेता उपस्थित थे।
पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यपाल मोतीलाल वोरा को शाम लगभग साढ़े 5 बजे शिवनाथ मुक्तिधाम में अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान भारी संख्या में मौजूद नागरिकों ने नम आंखों से अपने चहेते नेता को अलविदा कहा। शिवनाथ मुक्तिधाम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। जहां उनके ज्येष्ठ पुत्र अरविंद वोरा ने मुखाग्नि प्रदान की उनके साथ कनिष्ठ पुत्र विधायक अरूण वोरा भी उपस्थित थे। इससे पूर्व रायपुर विमान तल पर पार्थिव शरीर के पहुंचने पर जवानों द्वारा गार्ड आफ आनर दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने कंधा देकर कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन के लिए काया को रवाना किया। रायपुर के राजीव भवन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ नागरिकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। जिसके बाद सीएम बघेल; प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की अगुवाई में स्व. मोतीलाल वोरा का पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ रायपुर से दुर्ग लाया गया। जहां श्रद्धांजलि कार्यक्रम पश्चात अपरांह लगभग 4 बजे शिवनाथ नदी के लिए अंतिम यात्रा रवाना हुई। अंतिम यात्रा में महापौर धीरज बाकलीवाल, पूर्व महापौर शंकरलाल ताम्रकार, आर.एन. वर्मा, शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गया पटेल, भंवरलाल जैन दुर्ग व भिलाई निगम के पार्षदों सहित भारी संख्या में नागरिक व विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे। अंतिम यात्रा पद्मनाभपुर से गांधी तिराहा होते हुए शिवनाथ मुक्तिधाम पहुंची। मुक्तिधाम में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए चहेते नेता को अंतिम विदाई दी गई।