नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। हालांकि इस आंदोलन के दौरान कुछ किसानों की मृत्यु भी हुई जिनकी याद में रविवार को दिल्ली बॉर्डर पर श्रधांजलि सभा रखी गई। गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने आंदोलन शुरू होने के बाद से दम तोड़ने वाले 31 किसानों को श्रद्धांजलि दी।
हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों ने इन सभी मृत्यु के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है। किसानों ने अपने साथियों को शहीद का दर्जा दिया और कहा कि बहुत दु:ख है कि हमारे भाई हमारे बीच नहीं रहे, ये सभी शहीद हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर 11 बजे से लेकर 1 बजे तक ये श्रंद्धाजलि सभा रखी गई। बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने अपने साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। हालांकि इस दौरान कुछ किसान भावुक भी हुए।
किसान संगठन ने दावा किया कि 26 नवंबर से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले किसानों की मौत दुर्घटनाओं, बीमारी और ठंड के कारण हुई है। हालांकि किसानों का मानना है कि इन किसानो के बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे। दरअसल किसान कानूनों में संशोधन के लिए तैयार नहीं हैं। बल्कि उनकी मांग है कि विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। केंद्र सरकार और किसान संगठनो के बीच 6 दौर की बातचीत के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकल सका है।