रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के वकीलों की तारीफ की है। यही नही तारीफ करते हुए अन्य राज्यों को छगत्तीसगढ़ के वकीलों से सीख लेने की सलाह भी दी है। छगत्तीसगढ़ से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये विचार रखे है। छत्तीसगढ़ सरकार के वकील ने संक्षिप्त विवरण में मामले की व्याख्या की थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट के जज खुश हुए।
ये है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ से जुड़े एक मामले की सुनवाई चल रही थी। छत्तीसगढ़ सरकार के स्थायी वकील सुमीर सोढ़ी और एडवोकेट रिद्धिमा जुनेजा मामले की पैरवी कर रहे थे। दोनों वकील छत्तीसगढ़ सरकार का पक्ष रख रहे थे। वकील सुमीर सोढ़ी ने जिस तरह संक्षिप्त में मामले की एफआईआर, दोषी शख्स और अब तक हुई पूरी सुनवाई का जिक्र किया, उससे सुप्रीम कोर्ट के ज्यूरी बहुत प्रभावित हुए और छत्तीसगढ़ के वकील की जमकर तारीफ की।
सुप्रीम कोर्ट ने की यह टिप्पणी
छत्तीसगढ़ सरकार से जुड़े इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति उदय यूयू ललित, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट की खंडपीठ कर रही थी। उन्होंने वकील सुमीर सोढ़ी की काफी तारीफ की। जजों की पीठ ने कहा कि सुमीर द्वारा पेश संक्षिप्त नोट को देखकर विभिन्न राज्यों की ओर से पेश होने वाले वकीलों को सीख लेनी चाहिए। साथ ही, उन्हें सुमीर के विवरण को एक स्टैंडर्ड प्रारूप के रूप में लेना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने उठाया यह कदम
वकील सोढ़ी के इस संक्षिप्त नोट से सुप्रीम कोर्ट को काफी मदद मिली और संबंधित मामले में फैसला सुनाने में आसानी हुई। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में हत्या के एक मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सभी 16 दोषियों की उम्रकैद की सजा सहित उनकी दोष सिद्धि और सजा के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई हो रही थी। इस मामले की सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने इस पूरे संक्षिप्त नोट को अपने आदेश में शामिल किया और साथ ही, इस विवरण की कॉपी सभी राज्य सरकारों के वकीलों को भेजने के निर्देश दिए।