रायपुर। छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी आज से शुरू हो गई है, इसकी निगरानी सीधे राजधानी से होगी।
इसके लिए खाद्य और कृषि विभाग दोनों ने अपने-अपने मुख्यालयों में कंट्रोल रूम बनाए हैं, जो अगले 61 दिनों तक चौबीस घंटे काम करेंगे। यहां से धान की तस्करी समेत अन्य सभी गड़बड़ियों के साथ किसानों की समस्याओं पर निगाह रखी जाएगी।
दो लाख 45 हजार किसानों ने कराया पंजीयन
किसानों को तकलीफ से बचाने के लिए इस बार 2305 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। वहीं पिछले साल की तुलना में इस साल दो लाख 45 हजार ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया है। इस बार सरकार ने 90 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य रखा है। खरीदी केन्द्रों में इस बार धान को भींगने से बचाने के लिए चूबतरे बनाए गए हैं। किसानों को पांच बार टोकन दिए जाएंगे।
एक सप्ताह के लिए वैध होगा टोकन
टोकन एक सप्ताह के लिए वैध रहेगा। एक सप्ताह के भीतर भी यदि किसान धान नहीं बेच पाया तो उसे फिर से टोकन दिया जाएगा। प्रदेश में 2017-18 में कुल 56.85 लाख टन धान की खरीदी हुई थी जबकि दो साल में यह आंकड़ा 83.94 लाख टन तक पहुंच गया है।
इस बार धान का रकबा 27 लाख 59 हजार 385 हेक्टेयर से अधिक है। जबकि किसानों की संख्या बढ़कर 12 लाख 6 हजार से 18 लाख 38 हजार हो गई है।