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छत्तीसगढ़ में महिला की मानव तस्करी का संगठित समूह सक्रिय : किरणमयी नायक

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राज्य महिला आयोग ने डोंगरगढ़ क्षेत्र में प्रकाश में आये मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच के दिये निर्देश
रायपुर।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ क्षेत्र में प्रकाश में आए महिला मानव तस्करी संबंधी घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक ने घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी लेने के लिए 29 नवंबर 2020 को राजनांदगांव जिले का भ्रमण किया और प्रकरण की विवेचना से जुड़े प्रभारियों से चर्चा की।
मंगलवार को आयोग की अध्यक्ष श्रीमती नायक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रकरण अत्यंत संवेदनशील है। अब तक प्रकरण में आए तथ्यों के अनुसार प्रथम दृष्टया प्रकरण केवल किसी एक महिला की मानव तस्करी का प्रतीत ना होकर एक संगठित समूह का कार्य प्रतीत होता है जिसमें राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों के भी शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं। पुलिस द्वारा मुझे अवगत कराया गया कि अपराध पर 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, तथा 3 लोगों को गिरफ्तार करने एक दल हरियाणा गया हुआ है। उन्होंने बताया कि मीडिया से ज्ञात हुआ है कि डोंगरगढ़ क्षेत्र से ही कुल 35 महिला लापता थी, जिनमें 24 मिल चुकी है तथा 11 अभी भी लापता है। मानपुर क्षेत्र में भी ऐसे प्रकरण है, तथा न केवल राजनांदगांव, बल्कि अन्य जिलों में भी महिलाओं के लापता होने के प्रकरण है। इतनी बड़ी संख्या में एक ही क्षेत्र से महिलाओं के लापता रहने की जानकारी से यह प्रतीत हो रहा है कि महिला मानव तस्करी के पीछे एक संगठित गिरोह का कार्य है तथा कुछ बड़े राजनीतिक हस्तियों का भी उनको संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले के इस घटनाक्रम के आलोक में न केवल राजनांदगांव क्षेत्र बल्कि रायपुर, दुर्ग एवं कबीरधाम क्षेत्र में महिला मानव तस्करी के प्रकरणों की गंभीर समीक्षा आवश्यक है। उन्होंने राजनांदगांव जिले के प्रकरण की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग के द्वारा एक विशेष टीम का गठन किये जाने की सराहना की है।
उन्होंने निर्देश दिया है कि इस घटना की गंभीर जांच की जाए तथा प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से शामिल लोगों को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिया जाए तथा ऐसी घटनाओं के प्रकरण में पुनरावृति को रोकने के लिए एक जागरूकता अभियान चलाया जाये। कोविड-19 के दौरान विशाल अभियान नहीं चलाया जा सकता इसलिए जिला स्तर पर विधिक साक्षरता के द्वारा स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाये जाने के निर्देश जारी किया जाएगा तथा छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ऐसे समस्त अभियानों को अपना समर्थन और सहयोग देगा। आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरनमयी नायक ने बताया कि डीजीपी को पत्र प्रेषित किया गया है कि प्रत्येक पुलिस थाना स्तर पर 30 वर्ष तक की गुम बच्चियों और महिलाओं के मामलों की व्यापक स्तर पर जांच कराई जाए और मानव तस्करी के दोषी व्यक्तियों तथा उनको सरंक्षण देने वाले लोगो तक जांच का दायरा बढ़ाया जाए। स्थानीय थानों से ऐसे मामलों से महिलाएं कैसे बचें? इसके लिए जागरूकता अभियान भी निरंतर जारी रखा जाए। पूरे छत्तीसगढ़ में समस्त नवगठित जिलों में महिला सब इंस्पेक्टर और महिला आरक्षकों की नियुक्ति भी तत्काल किया जाए, तथा महिला तस्करी मामले में की जा रही जांच की साप्ताहिक रिपोर्ट आयोग को भी आवश्यक रूप से भेजी जाए।