मुंगेली/मुंगेली जिले में चल रहे जुआ और सट्टा से संबंधित खबरें दिखाए जाने और वायरल करने से जिला पुलिस प्रशासन पत्रकारों से नाराज़ हो गई है। मुंगेली पुलिस प्रशासन के द्वारा पत्रकारों को नोटिस देकर डराने धमकाने व दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। पत्रकारों को नोटिस देने के लिए पुलिस अपने डराऊं डग्गे को इस्तेमाल कर रही है। क्योंकि जानकारों की माने तो अगर पुलिस द्वारा पत्रकार को नोटिस भेजना था तो किसी आरक्षक के हाथ नोटिस भिजवाया जा सकता था परंतु देर शाम पुलिस वाहन से पुलिस बलों द्वारा घर नोटिस देना दबाव बनाने किया जा रहा एक तरीका माना जा रहा हैं जिस पर जिले के पत्रकारों में भारी आक्रोश देखा गया। जब पुलिस की प्रशंसा में कोई समाचार लिखी या दिखाई जाती हैं ऐसे समय में पुलिस को पत्रकार अच्छे लगते है। जैसे ही कोई खबर उनके खिलाफ वायरल हुई तो मानो पत्रकार उनके दुश्मन हो गए। पुलिस द्वारा पत्रकारों को नोटिस दिए जाने से नाराज़ पत्रकारों ने बुधवार को सिटी कोतवाली जाकर इस संबंध में पूछताछ की जब इसका उचित जवाब नहीं मिला तो पत्रकार संघ द्वारा नाराजगी जाहिर की और विरोध प्रदर्शन करते हुए पत्रकार संघ काली पट्टी बांध कर सिटी कोतवाली थाने के सामने धरना पर बैठ गया। पुलिस उन्हें वहां से हटाने का खूब प्रयास किया मगर पत्रकार हटने तैयार नही हुए। पत्रकार जहां लोगों के जन समस्या एवं समाज को आईना दिखाने का काम करता है वही पुलिस प्रशासन पत्रकारों के स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है। ऐसे में जिला पत्रकार संघ द्वारा नोटिस को वापस लेने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल एसपी कोतवाली पहुंच कंट्रोल रूम में सभी पत्रकारों से चर्चा कर दोबारा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने का आश्वासन दिया गया तथा पत्रकारों को जारी नोटिस पर जांच करने की बात की गई। जिस पर पत्रकारों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया। उक्त घटना के बाद जिले के पत्रकारों की आपस में यह चर्चा होते रही कि आज के घटना के बाद अब पुलिस प्रशासन द्वारा किसी भी पत्रकार के खिलाफ कोई मामला खोजने में लग सकती हैं या हो सकता हैं भविष्य में कोई झूठे मामले भी दर्ज किए जा सकते हैं ऐसी शंकायें व्यक्त करते हुए पत्रकारगण आपस में दिखे।