रायगढ़। वैश्विक महामारी काल में रायगढ़ के पूंजीपथरा क्षेत्र में अजय इंगार्ड की जनसुनवाई 25 नवंबर को रखी गई है। इस जनसुनवाई में सिर्फ 100 लोगों को जिला प्रशासन ने जनसुनवाई में भाग लेने की अनुमति दी है।
क्या यह जनसुनवाई वैधानिक मानी जा सकती है।जबकि इस उद्योग की जनसुनवाई को लेकर आसपास के ग्रामीणों में खासा रोष देखा गया है। इनका कहना था कि हमें जिला प्रशासन विरोध करने का मौका ही नहीं दे रहे हैं सिर्फ उद्योग के पक्ष में बोलने वालों को मौका देकर, लीपापोती करने की आरोप लगा रहे हैं,और कंपनी के पक्ष में जनसुनवाई कराने का भी आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि किसी भी उद्योग की स्थापना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए प्रभावित क्षेत्र के लोगो की राय जनसुनवाई के माध्यम से ली जाती है। पहले ही पूंजीपथरा क्षेत्र में काफी उद्योग संचालित हो रहे है जिससे वनों से घिरे इस क्षेत्र में पहले से ही प्रदूषण से लोग परेशान है। उद्योग स्थापित होने के बाद नियमो का पालन नही किया जाता है। पर्यावरण विभाग के अधिकारी भी प्रदूषण को लेकर किसी प्रकार की कार्रवाई उद्योगों के खिलाफ करने से बचते हैं। यही वजह है कि ग्रामीणों में उद्योगों के प्रति काफी नाराजगी है। इधर कोरोना काल मे भीड़ न करने का फायदा उठाते हुए प्रशासन पर उद्योग प्रबन्धन से मिल कर जनसुनवाई की ओपचारिकता पूरी करवाने का आरोप भी जिला प्रशासन पर लग रहा है। सूत्रों के अनुसार कुछ पर्यावरण प्रेमी प्रशासन की इस कार्रवाई के विरुद्ध न्यायालय में याचिका लगाने की भी तैयारी की जा रही है।