स्वतंत्र तिवारी
मुंगेली/ मुंगेली जिला बनने के बाद से जमीन दलालों की मानों चांदी हो गई है। जानकारों के मुताबिक उसका कारण यह माना गया है कि मुंगेली जिला बनने के बाद यहां जिला स्तर के कई विभाग, अधिकारी, संस्थान व सुविधाओं की बढ़ोत्तरी होगी, तथा नया जिला होने के कारण कई नये लोग गांव या अन्य जगहों से पलायन कर यहां आकर निवासरत सकते है ? उसी क्रम में यदि देखा जाये तो हर कोई जाहे वह कोई भी वर्ग का हो, वह चाहता है कि उसका स्वयं का नया आशियाना हो, स्वयं के आशियाने होने का सपना देखने वालों को जमीन के दलालों ने लूटने में कोई कसर नही छोड़ी है। इन जमीन के दलालों के द्वारा आम जनता को कम कीमत पर प्लाट देने का लालच देकर उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है और ग्राहक भी जानकारी व नियम कायदे के अभाव में भू-माफियाओं के चंगुल में फंसता जा रहा है। मुंगेली शहर का कोई भी कोना इन जमीन के दलालों से अछूता नही है जहां इनके द्वारा अवैध प्लाटिंग न किया जा रहा हो और यह सब मुंगेली प्रशासन के संरक्षण व सांठगांठ से हो रहा है तभी तो लगभग 7 वर्षो से चल रहे इस गोरखधंधे पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही हो रही है। अवैध प्लाटिंग के खेल में नेताओं और राजस्व विभाग के अधिकारियों की भी भागीदारिता स्वाभाविक है ? सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि मुंगेली को जिला बने 7 वर्षो से ज्यादा हो गये है और इन 7 वर्षो से पहले से अवैध प्लाटिंग का सिलसिला जारी है जिला बनते ही यहां मुख्यालय में कलेक्टर के बैठने से बहुत उम्मीदें जागी थी परंतु परंतु उसके बाद भी अवैध प्लाटिंग पर कोई कड़ी कार्यवाही नही हो सकी जिस पर यह कहा जाये कि अवैध प्लाटिंग पर लगाम लग रहा है ? जिसके चलते जमीन के दलालों को बेधड़क प्लाटिंग करने का सौभाग्य मिलते आया है। राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों, पंजीयक, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर एवं ग्राम निवेश के अधिकारियों तथा एसडीएम के संरक्षण व मिलीभगत से नगर पालिका क्षेत्र व उसके आस पास जमीन दलालों का अवैध करोबार निरंतर जारी है। जिले के चारों दिशाओं में हो चल रहे अवैध प्लाटिंग पर अधिकारियों की चुप्पी बेहद शर्मनाक है। अवैध कालोनाइजर राजस्व विभाग के अधिकारियों व पटवारी की जेबें गर्म करते रहते है जिसके कारण इनके हौसले काफी बुलंद है। हालांकि मुंगेली कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे के द्वारा कहा गया है अवैध प्लाटिंग, लगे हुये बोर्ड व जमीन दलालों पर जल्द ही कार्यवाही की जायेगी। अब देखना है कि जमीन दलालों की लालच भरी यह जमीन बिक्री का बोर्ड कब हटता है और उन पर कब कार्यवाही होती है ?
बाहर की टीम से निष्पक्ष जांच हो तो कई जमीन दलाल व राजस्व विभाग के कुछ दलाल होंगे सलाखों के पीछे
पूरे शहर में जिला प्रशासन, राजस्व विभाग व नेतागिरी के संरक्षण में अवैध प्लाटिंग जोरों पर है जिस पर कोई लगाम नही है और ग्राहक इन जमीन दलालों के कैद में फंसता जा रहा है। कई जमीन दलाल एैसे है जो भोलेभाले किसानों के धोखाधड़ी कर उनसे उनकी जमीन हथिया कर उन्हें प्लाटिंग कर बेच दिया गया है विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में एैसे भी जमीन दलाल सक्रिय है जो सरकारी जमीन पर भी प्लाटिंग कर चुके है या प्रयास कर रहे है इसका जल्द ही खुलासा किया जायेगा। पूरे शहर में जमीन दलाल इस तरह सक्रिय है कि यदि बाहर की टीम से निष्पक्ष जांच कराया जाये तो कई जमीन दलाल सहित राजस्व विभाग के कई अधिकारी, कर्मचारियों को जेल जाना पड़ सकता है। पर जब स्थानीय स्तर पर कार्यवाही की बात आती है तो एैसे में अधिकारियों की जेब नोटांे से भर दिया जाता है। एैसे में इन जमीन के दलालों पर कार्यवाही कैसे हो ?
राजस्व अधिकारियों के संरक्षण में यहां हो रहा है अवैध प्लाटिंग
पंडरिया रोड में शक्ति माई मंदिर के पास, शक्ति माई मंदिर के मुख्य द्वार के सामने, शिक्षक नगर, पेन्डाराकापा, सूरीधाट, नवागढ़ रोड़ में कई जगह, पं.श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम के सामने, साइंस कालेज के पास, एसएनजी कालेज के सामने, परमहंस वार्ड में खर्राधाट पास, शिवाजी वार्ड में, उपलेटा राईस मिल के पास, बिलासपुर रोड में एलआईसी कार्यालय के आगे, कलेक्टर बंगले पास व सामने करही देवरी रोड में, गीधा, एैसे ही कई और जगह है जहां जमीन के दलाल अधिकारियों को मोटी रकम देकर अवैध प्लाटिंग कर नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहे है और उन पर कार्यवाही करने वाला कोई नही है।