बीजापुर। तेलंगाना से 50 से ज्यादा नक्सलियों के बीजापुर में घुसने की आसंका के बाद सुरक्षा बलों को अलर्ट किया गया है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि 21 सितंबर से नक्सलियों सोलहवां स्थापना दिवस समारोह शुरू हुआ है। इस दौरान अपनी धमक दिखाने के लिए कोई बड़ी घटना कर सकते हैं। हालांकि अफसरों का कहना है कि हाल में बीजापुर में तेलंगाना के दो सीनियर सदस्यों को पुलिस ने मार गिराया है। जबकि एक दिन पहले ही तेलंगाना पुलिस ने चिंतलनार के एक नक्सली को मारा है। ऐसी स्थिति में वहां दबाव बनने के कारण भी नक्सली बीजापुर की ओर छिपने के लिए आ सकते हैं। बीजापुर और सुकमा का एरिया मुख्य रूप से नक्सलियों का वॉर जोन माना जाता है। गंगालूर, बासागुड़ा और आवापल्ली के आसपास नक्सलियों के बटालियन का जमावड़ा रहता ही है। इस एरिया में 200 से 400 तक नक्सलियों की मौजूदगी रहती है। पिछले कुछ समय से बीजापुर पुलिस ने नक्सलियों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इस वजह से अब नक्सली लोगों में डर पैदा करने के उद्देश्य से जन अदालत लगाकर ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं। हाल में एक एएसआई और कांस्टेबल की नक्सलियों ने हत्या की है। इसके बाद पुलिस ने भी तेलंगाना के दो नक्सलियों को मारा है। इनके स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य होने की बात भी सामने आ रही है। यही वजह है कि बदले के लिए नक्सली कोई बड़ी वारदात न करें, इसलिए सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सावधानी बरतने कहा गया है। बीजापुर में पुलिस लगातार नक्सलियों पर दबाव बना रही है। यहां से नक्सली बॉर्डर से लगे तेलंगाना के चेरला, खम्मम, मनगुरु, भद्राचलम की ओर चले जाते हैं। बाद में तेलंगाना में ऑपरेशन होने पर फिर बीजापुर या सुकमा लौटते हैं। बीजापुर में नक्सलियों के खिलाफ बड़े अभियान के पीछे एसपी कमललोचन कश्यप भी एक अहम वजह हैं क्योकि ये यही के है।