बलौदाबाजार। बिलाईगढ़ विधानसभा के कांग्रेस समर्पित युवा नेता व पूर्व नगर अध्यक्ष सहित पत्रकार रहे यूसुफ खान के आकस्मिक निधन के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। ईलाज के दौरान हुई यूसुफ की मौत के बाद आई कोरोना रिपोर्ट संक्रमित आना सभी को झकझोर रहा है, कोरोना पॉजिटिव बताने की रिपोर्ट को परिजनों ने व ईलाज के दौरान साथ में रहे युवा नेता दीपक टंडन ने स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही बताते हुए हत्या बताया है।
आपको बतादें की विगत 2 वर्ष से यूसुफ के सीने में दर्द था जिसका ईलाज लगातार चल रहा था, अचानक तबियत खराब होने के बाद यूसुफ को बिलाईगढ़ के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां से इलाज के लिए 28 अगस्त को रायपुर ले जाया गया। रायपुर में लगातार कई हॉस्पिटलों में ईलाज कराया गया। जहां यूसुफ आखिरकार अपनी जिंदगी की जंग हार गए और दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। यूसुफ की मौत के बाद उनके चाहने वाले व परिजन अंतिम झलक की राह ताकते रहे, किंतु खुदा को कुछ और ही मंजूर था। परिजन सहित क्षेत्र के लोग एक झलक पाने के लिए तरसते रह गए और एक झलक भी नसीब नहीं हुआ।
इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि यूसुफ की मौत के बाद आई कोरोना रिपोर्ट थी। ईलाज के दौरान यूसुफ का कोरोना टेस्ट कराया गया था, जहां हॉस्पिटल से अब तक कोरोना की रिपोर्ट नहीं आई है। परिजनों ने हॉस्पिटल में कोरोना टेस्ट की जानकारी मांगी, लेकिन डॉक्टरों ने रिपोर्ट दिल्ली जाने व वहां से 5 दिन बाद आने का हवाला दिया।
तो वहीँ दूसरी तरफ हॉस्पिटल में कोरोना टेस्ट का सैंपल लेकर जांच किया गया जो रिजेक्ट बताया गया। यूसुफ की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना टेस्ट पॉजिटिव बताकर यूसुफ के शव को परिजनों को नहीं सौंपना स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही बताई और आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के दबाव से यूसुफ के जान के साथ खिलवाड़ किया गया है।
गौरतलब दीपक टंडन ने यूसुफ खान के साथ हुई आप बीती घटना को मीडिया के सामने लाया और मीडिया के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से आग्रह कर मामले की उच्चस्तर जांच कर दोषियों के प्रति कार्यवाही करने की मांग की। ऐसे में अब देखना होगा कि क्या.. भूपेश सरकार कांग्रस के लिए समर्पित रहे युसुफ खान की मौत की उच्चस्तरीय जांच करेएंगे या नहीं।