मुंगेली/ अक्सर ऐसा होता हैं कि कई समस्याओं, मांगों और खबरों से संबंधित जानकारी के लिए आम जनता, नेताओं और पत्रकारों का कलेक्टर कार्यालय में आये दिन आना जाना लगा रहता हैं जिसके कारण कई विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों से उनका कलेक्टर कार्यालय परिसर और संबंधित विभाग कार्यालय के बाहर मुलाकात होती रहती हैं लेकिन ताज्जुब की बात तो तब है जब कोई अधिकारी या कर्मचारी अपने ही सरकार की बुराई कर उसे भला-बुरा कहते दिखे, यही चूक या भूल कहे जो बातों बातों में शिक्षा विभाग के जिला मिशन समन्वयक (समग्र शिक्षा अभियान) वाचस्पति सिंह से हो गई, जब वे बेसुध होकर भुपेश सरकार की गोधन योजना, नरवा गरवा घुरवा योजना सहित कोरोना मामलें में भुपेश सरकार की गलती और लापरवाही को गिनाते थक नही रहे थे, इससे वहां मौजूद पत्रकारों और कुछ लोगों ने आश्चर्य किया, प्रदेश सरकार और कांग्रेसियों की आलोचना तो वो ऐसे कर रहे थे मानो वो बहुत बड़े राजनीतिज्ञ हो ? या किसी राजनीतिक दल से ताल्लुक रखते हो ? आगे उन्होंने कहा कि मुंगेली में कोरोना संक्रमित की संख्या बढ़ने का कारण कांग्रेसियों द्वारा आये दिन किये जा रहे कार्यक्रमों को बताया गया, वहाँ मौजूद एक-दो पत्रकारों, नेता व अन्य अधिकारी जब उनकी सरकार विरोधी बात सुनी तो वे भी अवाक रह गए और चुप रहकर उनके मन में भुपेश सरकार और कांग्रेसियों के प्रति भरे जहर को उगलने दिया। वाचस्पति सिंह द्वारा भुपेश सरकार की बुराई करना क्या यह सिद्ध करता हैं कि वो किसी अन्य राजनीतिक दल के अप्रत्यक्ष रूप से समर्थक हैं ? परंतु ऐसा करना एक जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी को शोभा नही देता कि वो अपना कार्यालय कक्ष छोड़ आसपास घूमते रहे और अपने ही प्रदेश सरकार की आलोचना करते रहे ? बहरहाल अब देखना हैं कि वाचस्पति सिंह की शिकायत करने कांग्रेसी क्या रणनीति बनाते हैं।
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वाचस्पति सिंह अक्सर केबिन छोड़ परिसर में घूमते रहते हैं और जान-पहचान के लोगों से अपने ही सरकार की कार्यशैली पर उंगली उठाते रहते है, नाम उजागर न करने की शर्त पर कुछ लोगों ने भारत-भास्कर को इस अधिकारी के सरकार विरोधी गतिविधियों के बारे में बताया।