मुंगेली/ वैसे तो आजकल हर क्षेत्र में राजनीतिक दखल देखा जा सकता हैं, परंतु यदि शिक्षा के क्षेत्र में भी राजनीतिक, सफेदपोशों द्वारा हस्तक्षेप कर अपनी कार्यसिद्धि की जाती हैं तो यह अपने आप में बेहद शर्मनाक बात हैं। हम बात करेंगे मुंगेली के शा.उ.मा. वि दाऊपारा की, जहाँ प्राचार्य की कुर्सी कुछ राजनीतिक दलालों एवं लोभियों के लिए कमाई का जरिया बन गई हैं ? अभी हाल ही में करीब दो महीने पहले छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने दिनांक 22.05.2020 को आदेश जारी कर रजनीश उपाध्याय व्याख्याता (एल.बी.) को नवीन पदस्थापना के तहत शा.उ.मा. वि दाऊपारा के प्रभारी प्राचार्य पद पर पदस्थ किया गया, जिसके बाद दिनांक 26.05.2020 को जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली द्वारा रजनीश उपाध्याय को शा.उ.मा. वि दाऊपारा का प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्यभार ग्रहण करने आदेश जारी किया गया, जिसके बाद से प्राचार्य रजनीश उपाध्याय लगातार स्कूल के कुशल संचालन के लिए कई तरह के योजना बनाने में लग गए साथ ही प्रशासनिक बैठकों और एडमिशन के लिए अभी हाल ही में हुए बच्चों के नाम पर हुए लॉटरी में भी उनकी सहभागिता रही हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य स्तर के शैक्षणिक बैठक में यह बात सामने आई थी कि प्रतिनियुक्ति के लिए संबंधित की सहमति आवश्यक हैं और विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर कहा गया था कि प्रतिनियुक्ति के लिए सभी से सहमति पत्र लिया जाए, उसी तर्ज पर प्रभारी प्राचार्य रजनीश उपाध्याय ने दिनांक 10.07.2020 को शा.उ.मा. उत्कृष्ट विद्यालय दाऊपारा (अंग्रेजी माध्यम) मुंगेली में प्रतिनियुक्ति पर पदांकन करने सहमति पत्र दिया गया उसके बाद कलेक्टर कार्यालय से दिनांक 13.07.2020 को उत्कृष्ट विद्यालय में प्राचार्य की प्रतिनियुक्ति हेतु सहमति पत्र प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही हेतु संचालक एससीईआरटी सहित प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, संचालक लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर को भेज दिया गया, उसके बाद दिनांक 25.07.2020 को अचानक स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया आई.पी. यादव जिला परियोजना अधिकारी साक्षरता जिला मुंगेली के आवेदन पर तथा शा.उ.मा. वि दाऊपारा मुंगेली संचालन प्रबंधन समिति की मांग पर राज्य द्वारा उन्हें प्रतिनियुक्ति पर शा.उ.मा. वि दाऊपारा मुंगेली संचालन प्रबंधन समिति के प्राचार्य पद पर पदस्थ किया गया। वही सूत्रों की माने तो शा.उ.मा. वि दाऊपारा मुंगेली संचालन प्रबंधन समिति द्वारा कोई मांग नही की गई हैं, हालांकि इस बात की अभी पुष्टि नही हो पाई, इस संबंध में अधिकारियों से और भी जानकारी जुटाई जा रही हैं।
अधिकांश अभिभावकों ने यहाँ तक कहा कि इस स्कूल में बहुतों की रुचि रजनीश उपाध्याय के प्राचार्य पद पर रहने के कारण हैं क्योंकि काफी लंबे समय से इन्हें पढ़ाने, शैक्षणिक विधि का बहुत अच्छा ज्ञान हैं, कई अभिभावकों ने इसे राजनीतिक षडयंत्र भी बताया, कुछ अभिभावकों ने कहा कि इस स्कूल के प्राचार्य की कुर्सी के लिए सौदेबाजी का खेल चल रहा हैं। अभिभावकों ने यह भी कहा कि इस स्कूल के प्राचार्य को बदलना ही था तो 2 महीने के लिए नियुक्त क्यों किया गया ? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना हैं कि कही न कही यह प्राचार्य बदलने का जो निर्णय हैं वह राजनीति से प्रेरित हैं और इसके आड़ में कुछ राजनीतिक दलाल ज्यादा सक्रिय होकर अपने स्वार्थ की पूर्ति कर रहे हैं, ऐसे में बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार शा.उ.मा. वि दाऊपारा का जो फंड होता हैं उसकी समस्त राशियों का आहरण समिति के सचिव जिला शिक्षा अधिकारी और प्राचार्य संयुक्त हस्ताक्षर से होता हैं, प्राचार्य समिति का पदेन कोषाध्यक्ष होता हैं, बहरहाल अब देखना हैं कि शासन-प्रशासन इस संबंध में क्या निर्णय लेती हैं। इस संबंध में कलेक्टर ने ये कहा—
पी एल एल्मा कलेक्टर मुंगेली – सरकार बता पायेगी, मैं नहीं बता सकता, दो प्राचार्य कैसे रहेंगे. इसमें मुझे कुछ नही कहना. सरकार का जो आदेश आया हैं उसमें परीक्षण करता हु क्या होगा..