आज के व्यस्त जीवन में डिप्रेशन यानी अवसाद का शिकार हो जाना आम बात हो गई है। डिप्रेशन का शिकार लोग अक्सर खुद को तनहा और अकेला महसूस करते हैं, उनका दिल कहीं नहीं लगता लेकिन इसी से दिल की बीमारी के खतरे भी बढ़ जाते हैं। ऐसे में व्यायाम अहम भूमिका निभाता है। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के ज़रिये बिगड़ती अवसाद और दिल के जोखिम के बीच की कड़ी को उजागर किया है।और यह भी पता चला है कि व्यायाम से दिल के मरीजों में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ऐसे लोग जो अवसाद से ग्रस्त हैं उन्हें प्रतिदिन व्यायाम करने के प्रति जागरूक होना चाहिए।