बॉलीवुड के शहंशाह
अमिताभ बच्चन बीते दिनों कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इन दिनों उनका इलाज मुंबई के नानावती अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टर्स बताते हैं कि उनकी सेहत में सुधार हो रहा है और खतरे की कोई बात नहीं है। अमिताभ उन सेलिब्रिटीज में से हैं जो हमेशा अपने फैंस के साथ जुड़े रहते हैं। अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद भी वो लगातार अपने फैंस के संपर्क में हैं और हाल में उन्होंने अपने चाहने वालों के लिए एक ट्वीट किया।
अमिताभ बच्चन ट्विटर पर खूब एक्टिव रहते हैं। अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद वो लगातार ट्विटर पर सक्रिय हैं। अस्पताल से आधी रात को अमिताभ ने संस्कृत का श्लोक ट्वीट करते हुए बताया कि छह प्रकार के मनु्ष्य अपने जीवन में हमेशा दुखी रहते हैं इसलिए मनुष्य को इस तरह की प्रवृत्तियों से दूर रहना चाहिए।
अमिताभ बच्चन ने संस्कृत के इस श्लोक का हिंदी में भी अनुवाद किया है। इसमें उन्होंने लिखा, सभी से ईर्ष्या, घृणा करने वाले, असंतोषी, क्रोधी, सदा संदेह करने वाले और पराए आसरे जीने वाले ये छह प्रकार के मनुष्य हमेशा दुखी रहते हैं। अतः यथा संभव इन प्रवृत्तियों से बचना चाहिए।
अमिताभ ने इसी ट्वीट का अनुवाद अंग्रेजी में भी किया है। हैरानी की बात ये है कि अमिताभ ने बिलकुल यही ट्वीट साल 2017 में भी किया था। इससे पहले अभिनेता ने एक कविता साझा करते हुए डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को देवता की संज्ञा दी थी।
अमिताभ ने लिखा था, श्वेत वर्ण आभूषण, सेवा भाव समर्पण, ईश्वर रूपी देवता ये, पीड़ितों के संबल ये, स्वयं को मिटा दिया, गले हमें लगा लिया, पूजा दर्शन के स्थान ये, परचम इंसानियत के
। गौरतलब है कि 11 जुलाई को रात के वक्त अमिताभ ने ट्विटर के जरिए बताया था कि वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसके बाद उनके परिवार का टेस्ट किया गया। इस टेस्ट में अमिताभ के बेटे अभिषेक बच्चन, बहू ऐश्वर्या राय बच्चन और पोती आराध्या बच्चन भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। तो वहीं अमिताभ की पत्नी जया बच्चन का टेस्ट निगेटिव आया था।