रायपुर। छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति को संरक्षित करने पर जोर देते हुए पारंपरिक गीत-संगीत, खान-पान और नृत्य के साथ ही छत्तीसगढ़ी फिल्मों को प्रोत्साहित करने कार्ययोजना तैयार करने तथा इसे क्रियान्वित करने का निर्देश मातहत अधिकारियों को दिया है।
प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत कल संस्कृति विभाग के कामकाज की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान मंत्री श्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप 15 अगस्त से राज्य के सभी जिला मुख्यालयों खासकर कलेक्टोरेट परिसर में गढ़कलेवा शुरू कराने का निर्देश कलेक्टरों को दिया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संरक्षित करना हमारा मूल उद्ेश्य होना चाहिए। बांस गीत, मोहरी जैसी पारंपरिक विधा जो विलुप्त होती नजर आ रही है। इसे संरक्षित करने के लिए कार्ययोजना बनाएं और सही तरीके से क्रियान्वित भी करें। उन्होंने कहा कि बस्तर, सरगुजा में ऐसे कई तरह के पारंपरिक लोक गीत, नृत्य, संगीत है जो अपनी पहचान के आभाव में विलुप्त होते जा रहे हैं, उन्हें चिन्हित करके संरक्षण देना जरूरी है। भगत ने छत्तीसगढ़ी फि ल्मों के प्रोत्साहन के लिए आवश्यक कार्यवाही करने कहा है।