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विकास दुबे उज्जैन में महाकाल मंदिर से गिरफ्तार

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कानपुर काण्ड
उज्जैन।
कानपुर का कुख्यात गैंगस्टर और आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपित विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया है। पिछले कुछ दिनों से पुलिस उसकी गिर तारी के लिए हरियाणा और दिल्ली में दबिश दे रही थी। यूपी पुलिस विकास दुबे के पांच साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है। वहीं कई साथियों को गिर तार कर चुकी है।
विकास दुबे पर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप है। कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे को पकडऩे गई पुलिस टीम पर उसके आदमियों ने हमला कर दिया था, जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद से विकास दुबे फरार था और यूपी पुलिस उसको ढूंढने में लगी थी।
कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तार की पुष्टि करते हुए मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, विकास दुबे अभी मध्यप्रदेश पुलिस की कस्टडी में है। अभी गिर तारी कैसे हुई इसके बारे कुछ भी कहना ठीक नहीं। मंदिर के अंदर या बाहर, कहां से गिर तारी हुई, इसके बारे में कहना ठीक नहीं। विकास क्रूरता की हदें शुरू से ही पार कर रहा था। वारदात होने के बाद से ही हमने पूरी मप्र पुलिस को अलर्ट पर रखा था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास दुबे की उज्जैन से गिरफ्तार के मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा की है। मुख्यमंत्री शिवराज ने विकास दुबे की गिरफ्तार पर ट्वीट कर उज्जैन पुलिस को बधाई दी। उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा कि जिनको लगता है की महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धुल जाएंगे उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं। हमारी सरकार किसी भी अपराधी को ब शने वाली नहीं है।
जानकारी के अनुसार दुबे सुबह 250 रुपए का टिकट लेकर महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आया था। इस दौरान वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को शक हुआ तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि विकास महाकाल मंदिर परिसर में पहुंचा और चिल्लाने लगा कि मैं विकास दुबे हूं, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी।
तुरंत ही इस बात की सूचना पुलिस अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश पुलिस को दी। विकास दुबे के पकड़े जाने को लेकर दो बातें सामने आ रही हैं, पहली यह कि वो सरेंडर करने के लिए ही यहां आया था और दूसरी उसे महाकाल मंदिर के सुरक्षा गार्ड ने पहचान लिया और पुलिस को सूचना दे दी। विकास दुबे के उज्जैन के गिर तार होने को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। वो कैसे उज्जैन तक पहुंचा? पुलिस ने उसे कैसे गिर तार किया? क्या वो खुद ही सरेंडर करने का सोचकर आया था? पुलिस प्रेसवार्ता कर इन सवालों के जवाब देगी।
विकास को पकड़वाने वाले सिक्योरिटी गार्ड गोपाल सिंह ने बताया, मैंने शक होने पर उसे पूछताछ के लिए रोका तो वह आनाकानी करने लगा। मुझे और ज्यादा शक हुआ, तो मैंने पुलिस को बुलाया। इस पर उसने मेरे साथ झूमा-झटकी की। थोड़ी देर में पुलिस आई और उसे गिर तार कर लिया गया।
प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने विकास दुबे की गिरफ़्तारी पर कई सवाल खड़े किया है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा ये तो महाकाल का प्रभाव था, जो इतना बड़ा आरोपी उज्जैन से गिर तार हुआ है। मप्र इस तरह के गैंगस्टर के लिए चारागाह बन गया है। दुबे के भाजपा नेताओं से सबंध थे इसलिए वो मप्र आया। ये शरण औऱ सरेंडर का खेल है। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेख यादव ने विकास दुबे की गिरफ़्तारी को लेकर कहा, खबर आ रही है कि ‘कानपुर-कांड का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।