जगदलपुर। शहर के पुराने इंद्रावती पुल के उपर 30- 40 मवेशियों का जमावाडा़ से किसी बड़ी दुर्घटना के होने से इंकार नही किया जा सकता है। शहर कि आधी आबादी किसी न किसी काम से शहर से लगे पुराने इंद्रावती पुल से होकर ग्रामीण क्षेत्र की ओर जाता है। छोटे पुल जैसी संकरा जगह मे आवारा मवेशियों का जमावाडा़ होना खतरा से खाली नहीं है। छत्तीसगढ़ का रेका-छेका यहां लागू होता दिखाई नही देता है, यहां उन्मुक्त होकर आवारा पशु शहर के बीच सड़क में और पुल पर बैठे देखे जा सकते हैं।
उल्लेखनिय है कि बारिश के साथ ही पूरे शहर के सडंकों में मवेशीयों का जमावड़ा लगने लगता है। बारिश में सूखी सड़कों पर आवारा मवेशीयों के बैठने का क्रम जारी है। निगम और पंचायत रोका-छेका की औपचारिकता पूरी कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी कर इतिश्री कर लिया है। सड़कों में आवारा मवेशी एक दुसरे के उपर बिदककर चढऩे लगते हैं, उस दौरान आवागमन करने वाले राहगीरों की परेशानी दुगनी हो जाती है। सरकार भले ही रोका छेका अभीयान शुभारंभ कर इसके निदान करने के लिए अच्छा कदम उठााने का प्रयास किया है, लेकिन शहर और ग्रामों के मवेशियो को काबू कैसे किया जाऐ यह गंभीर विषय है।