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सेना ने एलएसी पर तैनात किए चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर

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अलर्ट मोड पर भारत
नईदिल्ली।
लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव लगातार बना हुआ है। भारतीय सेना पहले से ही अलर्ट पर है। इस बीच भारत ने चीन की सीमा पर अपने दो आधुनिक हेलीकॉप्टर- चिनूक और अपाचे को तैनात किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायुसेना ने चंडीगढ़ से चिनूक हेलीकॉप्टर को भेजा है, जबकि पठानकोट से अपाचे हेलिकॉप्टर को एलएसी पर तैनात किया गया है।
चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से युद्ध के हथियारों को ले जाने में मदद मिलती है। हाल के दिनों में लद्दाख के कई इलाकों में रोड बनाने में भी इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया। भारत ने सितंबर 2015 में बोइंग के साथ 8,048 करोड़ रुपए में 15 सीएच-47एफ़ चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट किया था। ये हेलीकॉप्टर बेहद भारी भरकम सामान को ले जाने में सक्षम है। इस हेलीकॉप्टर की ख़ासियत है कि यह छोटे हेलीपैड और घनी घाटियों में भी उतर सकता है। आधुनिक युद्धक क्षमता वाले ये हेलिकॉप्टर अमरीकी कंपनी बोइंग ने बनाए हैं। इन अपाचे हेलीकॉप्टर के पंखों का फैलाव 17.15 फीट तक होता है, जबकि ऊंचाई 15.24 फीट है। प्राइमरी मिशन के लिए इसका कुल वजन 6838 किलोग्राम होता है। ये अधिकतम 279 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इस हेलीकॉप्टर में दो हाई परफॉर्मेंस टर्बोशाफ्ट इंजन होते हैं। हथियार की बात करें तो ये हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइलें, रॉकेट, ऑटोमेटिक कैनन गन ले जाने में सक्षम है।
बता दें कि सीमा पर मिग, हरक्यूलिस, मिराज, सुखोई विमान पहले से ही एलएसी पर तैनात हैं। लिहाजा सेना, नौसेना और वायुसेना को अलर्ट भी मोड पर रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने तीनों सेनाओं को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। इतना ही नहीं भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है।