तेलंगाना। चीन की सीमा पर शहीद हुए भारतीय सेना के कर्नल संतोष बाबू का अंतिम संस्कार गुरुवार को उनके गांव में उनके ही फार्म हाउस पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता और सैन्य व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
गुरुवार सुबह 10 बजे सूर्यापेट के इस शूरवीर की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान विद्या नगर से शुरू हुई. लगभग 6 किलोमीटर दूर शहीद के गांव केसराबाद 11:00 बजे पहुंची। अंतिम यात्रा के दौरान रास्ते भर वंदे मातरम और संतोष बाबू अमर रहे के नारे लगते रहे। रास्ते के दोनों तरफ हजारों की संख्या में स्थानीय जनता ने उनकी शव यात्रा पर गुलाब के फूल बरसाए। आज सुबह से ही सूर्यापेट के सभी व्यापारिक संस्थान और अन्य कार्यालय बंद रहे।
जिलाधीश विनय कृष्णा रेड्डी के अनुसार परिवार की इच्छा के मुताबिक उनकी निजी भूमि पर शहीद संतोष बाबू का पूरे राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई थी। संतोष के पिता उपेन्द्र ने मुखाग्नि दी. इससे पूर्व सैन्य सम्मान की औपचारिकताएं पूरी की गई। बिहार की 16वीं रेजीमेंट के सेना के अधिकारियों ने शहीद के शव पर पुष्प अर्पित किए। इसके पश्चात भारतीय सेना के जवानों ने इक्कीस बंदूकों को दाग कर शहीद को सलामी दी गई। इस मौके पर संतोष बाबू के पिता उपेंद्र और उनकी पत्नी संतोषी और उनके बेटा और बेटी और अन्य परिवार सदस्य व परिजनों उपस्थित थे।