मुंगेली / कलेक्ट्रेट में सांसद अरुण साव ने कलेक्टर पी एस एल्मा की उपस्थिति में जिले के अधिकारियों की बैठक ली। सांसद अरुण साव ने कोरोना से निपटने हेतु अधिकारियों की सराहना की और आगे आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहने कहा। क्षेत्र में पेयजल समस्या ना हो इसके लिए आवश्यक उपाय करने के निर्देश दिए। नियमों का पालन कराते हुए व्यापरियों की भी समस्याएं दूर करने हेतु निर्देशित किया। श्री साव ने मुंगेली नगर क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर स्थित तथा अन्य शासकीय योजनाओं के लिए छोड़ी गई जमीन को शासन के मंशा व नियमों का पालन किए बिना बिक्री कर दिये जाने पर एतराज जताते हुए कहा कि उक्त मामले की पुनः समीक्षा किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के अनुसार ऐसे अनुपयोगी भूमि जिस पर शासन की कोई कार्य योजना ना हो और किसी जरूरतमंद द्वारा नजूल भूमि पर कब्जा कर उसका निवास आदि के लिए उपयोग किया जा रहा हो । उनको उक्त भूमि को बेचना था। सांसद अरुण साव ने बताया कि मुंगेली में नजूल सरकार जमीन आबंटन में हुए गड़बड़ी पर कलेक्टर को रिव्यू के लिए कहा गया हैं, पहले से मुंगेली में सरकारी जमीन का अभाव है ऐसे में नजूल सरकार की जमीन को व्यक्ति-विशेष को आबंटन कर लाभ पहुंचाना गलत हैं, जिसकी पुनः समीक्षा होनी चाहिए। इस पर कलेक्टर पीएस एल्मा ने पुनः दिखवाकर समीक्षा करने की बात कही। बैठक में जिले के विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।
आपको बता दे कि भाजपाइयों और कांग्रेसियों ने नजूल सरकार की भूमि को व्यक्तिगत रूप से व्यक्ति विशेष लोगो को आबंटित भूमि को रद्द किए जाने की मांग की गई थी परंतु यह अभी केवल कागजों तके ही सीमित हैं, मुंगेलीवासियों का कहना हैं कि ज्ञापन देने वालों को अभी कोरोना संकट काल और लॉकडाउन का बहाना भी मिल गया हैं।
दिलचस्प बात यह हैं कि अब नए कलेक्टर द्वारा इस मामले में क्या कार्यवाही की जाती हैं यह देखना होगा.