Home हेल्थ तो इन वजहों से बच्चों में भी हो सकता है डिप्रेशन

तो इन वजहों से बच्चों में भी हो सकता है डिप्रेशन

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डिप्रेशन सिर्फ वयस्कों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी प्रभावित करता है। बच्चे के दुखी रहने का ये मतलब नहीं है कि वो डिप्रेशन में लेकिन अगर बच्चा लगातार या बार-बार उदास रहता है या उसे लोगों से बात करने, स्कूल को काम करने या परिवार के लोगों से बात करने में हिचक महसूस हो रही है तो ये डिप्रेशन हो सकता है।
डिप्रेशन एक गंभीर बीमारी है लेकिन साथ ही इलाज भी उपलब्ध है। अगर आपको भी अभी तक लगता था कि बच्चों में डिप्रेशन नहीं हो सकता है जरा यहां बताई गई बातों पर गौर जरूर करें।
बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण एवं संकेत
*चिड़चिड़ापन या गुस्सा आना, लगातार दुखी या निराशा महसूस होना
*लोगों से बात करना बंद कर देना
*रिजेक्ट होने का डर रहना, भूख कम या ज्यादा लगना
*ज्यादा या कम नींद आना
*रोने का मन करना, ध्यान लगाने में दिक्कत होना
*थकान और एनर्जी कम महसूस होना
*पेट दर्द या सिरदर्द रहना
*कुछ भी काम करने का मन न करना
*मन में एक अपराधबोध महसूस होना
*सुसाइड करने या मरने के विचार आना
बच्चों में डिप्रेशन क्यों होता है
कई बच्चों को स्कूल में दूसरे बच्चों द्वारा बहुत ज्यादा तंग किए जाने पर डिप्रेशन हो सकता है। स्कूल में बच्चे को बुली किए जाने पर उसके आत्म-सम्मान में कमी आती है और लगातार स्ट्रेस में रहने की वजह से वो डिप्रेशन की स्थिति में पहुंच जाता है। वहीं बार-बार पड़ रहे किसी दबाव के कारण भी बच्चा इस स्थिति में पहुंच सकता है। अब ये प्रेशर पढ़ाई का भी हो सकता है और किसी अन्य चीज का भी।
परिवार में डिप्रेशन की हिस्ट्री
जिन बच्चों के परिवार में किसी सदस्य को डिप्रेशन हुआ हो, उनमें बाकी बच्चों की तुलना में डिप्रेशन में जाने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं ऐसा जरूरी नहीं है कि जिन बच्चों की अवसाद की फैमिली हिस्ट्री न हो, उन्हें कभी डिप्रेशन हो ही नहीं सकता है। अगर आपको लग रहा है कि आपके बच्चे में अवसाद का खतरा है तो जरा करीब से उसके काम, भावनाओं और व्यवहार पर ध्यान दें।
जीवनशैली में बदलाव
वयस्कों की तरह बच्चे इतनी जल्दी बदलावों को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। नए घर या स्कूल में जाना, पैरेंट्स का तलाक देखना या भाई-बहन या दादा-दादी का बिछडऩा, ये सभी चीजें बच्चे के दिमाग पर नकारात्मक असर डालती हैं। अगर आपको लग रहा है कि इन चीजों की वजह से आपका बच्चा प्रभावित हो रहा है तो जितना जल्दी हो सके, उससे इस बारे में बात करें। यदि किसी हादसे के बाद बच्चे के व्यवहार में बदलाव दिख रहा है तो आपको तुरंत डिप्रेशन की पहचान कर उसका इलाज शुरू करवा देना चाहिए।
केमिकल असंतुलन
कुछ बच्चों में शरीर के अंदर रसायनों के असंतुलन के कारण अवसाद हो जाता है। हार्मोनल बदलाव और विकास होने के कारण ये असंतुलन हो सकता है लेकिन ऐसा अपर्याप्त पोषण या शारीरक गतिविधियां कम करने की वजह से भी हो सकता है। बच्चे का विकास ठीक तरह से हो रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए नियमित चेकअप करवाते रहें।