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आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से कई कृषि उत्पाद बाहर

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किसानों के लिए एक देश एक बाजार
कैबिनेट की बैठक में दो अध्यादेशों पर मुहर
नई दिल्ली।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दो अध्यादेशों पर मुहर लगी है। इन अध्यादेशों के कारण किसान अब एक देश एक बाजार की नीति के तहत अपना फसल कहीं भी बेच सकेंगे। इसके अतिरिक्त कई कृषि उत्पादों का असीमित मात्रा में भंडारन की इजाजत देने के लिए अनाज, तेल, तिलहन, दाल, आलू, प्याज को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर करने पर अध्यादेश पर मुहर लगी है। अब आपात स्थिति को छोड़ कर किसी भी मात्रा में कृषि उत्पादों का भंडारण किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री आवास पर करीब दो घंटे चली बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इस बैठक में किसानों केहित में तीन निर्णय लिए गए हैं। पहला निर्णय किसानों को कृषि उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक देश एक बाजार की नीति पर मुहर लगी है। दूसरा आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन कर किसानों और कई कृषि उपज को इस कानून के दायरे से बाहर कर दिया गया है। तीसरा ज्यादा कीमत की गारंटी के लिए किसी दूसरे पदार्थ का प्रोसेसर या निर्यातक भी आपसी समझौते से किसान से कृषि उपज खरीद सकेगा। जावड़ेकर ने कहा कि पुराने कानून की तलवार ने निवेश को रोका। इसके एक सप्लाई चेन खड़ी होगी, जिससे किसानों को अपने उपज का ज्यादा मूल्य मिलेगा। किसान करीब पांच दशक से इस आशय की मांग कर रहे थे। अब यह वर्ग इनका अपनी योजना के अनुसार भंडारण और बिक्री कर ज्यादा कीमत हासिल कर पाएगा। इसके अलावा किसान अपनी सहमति से अपना फसल किसी भी स्थान पर बेच सकेगा।
गौरतलब है कि पहले किसान अपने लिए अधिसूचित मंडियों में ही अपनी फसल बेच सकता था। व्यापारी किसानों से मंडियों में ही फसल खरीद सकते थे। अब इस अध्यादेश के बाद दोनों रोक खत्म हो जाएगी। सरकार का मानना है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन के बाद किसान कानूनी रूप से अधिक से अधिक कृषि उपज का भंडारण कर सकेंगे। ऐसे में अगर बाजार में किसी फसल की कीमत कम है तब कई किसान से खुद को बेचने से रोक सकेंगे।
हर मंत्रालय में प्रॉजेक्ट डेवलपमेंट सेल
कैबिनेट ने वाणिज्य और उद्योग जगत केलिए हर मंत्रालय में प्रॉजेक्ट डेवलपमेंट सेल गठित करने के फैसले पर मुहर लगाई है। सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से भारत निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक और अनुकूल देश बनेगा। निवेशकों की असुविधा और जानकारी नहीं मिलने की शिकायत खत्म होगी।
कोलकाता पोर्ट अब मुखर्जी पोर्ट
कैबिनेट ने कोलकाता पोर्ट का नाम बदल कर श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। इस साल की शुरुआत में पीएम मोदी ने अपनी पश्चिम बंगाल यात्रा में इस आशय की घोषणा की थी।
फार्मोकोपिया कमीशन की स्थापना
कैबिनेट ने होम्योपैथी और इंडियन मेडिसिन को बढ़ावा देने के लिए फार्मोकोबिया कमीशन की स्थापना के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। गाजियाबाद स्थित होम्योपैथी एंड मेडिसिन के आयुष मंत्रालय से संबंधित दो लैब का इसमें विलय होगा।