संदीप तिवारी 8889998888
मुंगेली/ कहा जाता हैं कि जब किसी को पद, पॉवर और पैसा अचानक मिल जाये तो यदि वह उसे पचा ले तो ठीक यदि नहीं पचा पाए तो दिमाग का संतुलन खो सकता हैं, जिससे कई तरह के आपराधिक कृत्य करने के विचार आते रहते हैं। यही ताजा हाल अभी मुंगेली जिले के खुद को बाहुबली समझने की भूल करने वाले एक तथाकथित जमीन दलाल और कांग्रेसी पार्षद हेमेंद्र का हैं, जिसके खिलाफ जमीन विवाद में उलझने पर आपराधिक धाराओं के तहत अपराध दर्ज हुआ है।
आपको बता दे कि भुपेश सरकार ने जरूरतमंदों मालिकाना हक देने नजूल सरकार जमीन में फ्री होल्ड योजना चलाई थी, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने पत्रकारों के समक्ष स्पष्ट भी कर दिया था कि फ्री होल्ड योजना जरूरतमंदों के लिए हैं, भूमाफियाओं और जमीन दलालों के लिए नही। उसके बाद भी मुंगेली जिले में बड़े पैमाने पर भूमाफिया और जमीन दलाल सक्रिय हो गए जिनकी नजर नजूल सरकार की जमीन पर पड़ी और वे उसे हथियाने हर सम्भव प्रयास करने लगे, जिसमें कुछ गिनती के ही जमीन दलालों और भूमाफियाओं को सफलता भी मिली, क्योंकि मुंगेलीवासियों का कहना हैं कि सत्तापक्ष पार्टी से जुड़े जमीन दलालों और भूमाफियाओं द्वारा फ्री होल्ड योजना का अधिकारियों से मिलीभगत कर नजूल सरकार की जमीनों को योजनाबद्ध तरीके से अपना कब्जा दिखा उस बेशकीमती जमीन को हथियाने में सफल हो गए हैं। जिसकी भाजपा, कांग्रेसियों और कांग्रेस पार्षदों ने कलेक्टर से लिखित शिकायत कर मामलें में कार्यवाही कर व्यक्ति विशेष को किये गए जमीन आबंटन को रद्द करने कहा गया था, जिसकी कार्यवाहियां कागजों में अटकी हुई है। इसी नजूल सरकार की जमीन के आबंटन का सीमांकन तत्कालीन कलेक्टर के ट्रांसफर होते ही किया गया, जिसमें एक पीड़ित पक्षकार देवेश शर्मा ने कांग्रेसी पार्षद हेमेंद्र गोस्वामी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया, हालांकि मामला दर्ज न हो इसके लिए आरोपी ने कई हथकंडे अपनाए पर जब बात नही बनी तो उसने भी मामला दर्ज करवा दिया। वही विश्वत सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्षद हेमेंद्र गोस्वामी के खिलाफ और भी शिकायत सिटी कोतवाली में पहुँचने की जानकारी मिल रही थी परंतु सत्तापक्ष के साथ साथ धन बल से सम्पन्न होने के कारण कई पीड़ितों की शिकायत दर्ज नहीं की जा रही और पीड़ित सहित मुंगेलीवासियों ने बताया कि आरोपी हेमेंद्र के द्वारा मुंगेली में अपने बाउंसरों के साथ घूम घूमकर डर का एक माहौल बनाया जा रहा हैं जिससे कि उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज कराने सामने आने की हिम्मत न कर सके, बहरहाल जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को चाहिए कि इस जमीन विवाद और फ्री होल्ड मामलें में जो शिकायत की गई हैं उसे गंभीरता से लेते हुए जल्द कार्यवाही करें और यदि कोई पीड़ित कोतवाली पहुँचता हैं तो उसकी शिकायत को सुन मामला दर्ज करें।
पिस्टल रखे हेमेंद्र के बाउंसरों को 2 थाना प्रभारियों द्वारा दी जा चुकी हैं चेतावनी.
एक बार गरबा आयोजन में आयोजक मंडल के ही सदस्य हेमेंद्र गोस्वामी द्वारा 4 बाउंसरों को अपने साथ दर्शकों के बीच पिस्टल रख घुमाया जा रहा था, जिस पर तत्कालीन टीआई हरविंदर सिंह ने मामलें को तत्काल संज्ञान में लेते हुए पिस्टल रखे बाउंसरों को तत्काल कोतवाली ले आया गया था, जिस पर कड़ी चेतावनी दी गई थी, उसके बाद भी नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव में पार्षद बने और अध्यक्ष पद के कांग्रेस उम्मीदवार हेमेंद्र ने फिर बाउंसरों सहित चुनाव स्थल पहुँच डर का माहौल पैदा किया जा रहा था जिस पर तत्कालीन टीआई आशीष अरोरा ने भी बाउंसरों को चेतावनी देकर वहाँ से भगाया गया था, बावजूद इसके पार्षद हेमेंद्र द्वारा कांग्रेस सत्ता के नशे में अभी भी मुंगेली अपने साथ बाउंसरों को घुमा कर शहर में डर का वातावरण बनाया जा रहा हैं क्योंकि वो अपनी मनमानी कर सके और कोई उसके खिलाफ कोई कानूनी न कर सके। इस बात की पुष्टि नही हो पाई हैं कि क्या शासन प्रशासन या पुलिस प्रशासन से आरोपी कांग्रेसी पार्षद हेमेंद्र गोस्वामी को बाउंसर रखने की अनुमति दी गई हैं अथवा नही ? इस सम्बंध में मुंगेली में तरह तरह की चर्चाएं चल रही हैं वही दूसरी ओर शहर एवं क्षेत्र में डर का माहौल पैदा हो रहा हैं जिस पर पुलिस प्रशासन को संज्ञान लेने की आवश्यकता हैं। मुंगेली के कुछ लोगों द्वारा मोबाईल पर और प्रत्यक्ष रूप से बताया कि आरोपी पार्षद हेमेंद्र द्वारा बाउंसर लोगों के अपने साथ घुमाकर शहर में डर का माहौल पैदा किया जा रहा हैं, ताज्जुब की बात हैं अभी कोरोना संकट काल में पूरे देश मे लॉकडाउन हैं और प्रदेश में धारा 144 लागू है उसके बाद भी कंटेन्मेंट जोन में सीमांकन के नाम पर भीड़ एकत्र है।
एसपी डी श्रवण कुमार से चर्चा पर उन्होंने कहा कि इस मामलें को दिखवाता हूं। इसके बाद यह उम्मीद की जा रही हैं कि पुलिस अधीक्षक द्वारा मामलें की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्यवाही की जाएगी।