आईसीएमआर ने राज्यों को लिखा पत्र
नईदिल्ली। देश इस समय कोरोना संकट के दौर से गुजर रहा है. हर दिन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट कराना चाहती है, जिससे इस महामारी को पूरी तरह से हराया जा सके. कोरोना की जांच के लिए अभी तक देश में आरटी-पीसीआर की कीमत 4,500 रुपये तय कर रखी गई थी, जिसे अब कम करने की बात कही जा रही है. इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने सभी राज्यों से कहा है कि वह निजी लैब के साथ बातचीत कर टेस्ट की एक कीमत तय करें जिससे कोरोना के टेस्ट को और ज्यादा किया जा सके.
बता दें कि अभी तक प्राइवेट लैब्स 5,000 रुपये में कोविड-19 समेत 50 या उससे अधिक टेस्ट का पैकेज ऑफर कर रही हैं. इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने राज्यों को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि अब देश में कई कंपनियां जांच किट तैयार करने लगी हैं, जिसके कारण किट को बाजार में उतारने के लिए इनकी कीमतें भी तेजी से कम हो रही हैं.
ऐसे में जब किट सस्ते में मिलने लगी है तो लैब को भी टेस्ट के दाम घटाने की जरूरत हैं. आईसीएमआर ने राज्यों से कहा है कि वह सभी निजी लैंब के साथ कोरोना टेस्ट की जांच के लिए सही कीमत का निर्धारण करे, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी जांच करा सकें.
बता दें कि आईसीएमआर ने प्राइवेट लैब्स से मुफ्त में कोरोना टेस्ट करने की अपील की थी. आईसीएमआर की इस अपील का प्राइवेट लैब्स पर कोई खास असर देखने को नहीं मिला था. प्राइवेट लैब्स की आईसीएमआर की दलील को यह कहते हुए मानने से इनकार कर दिया था कि उन्हें अपने कर्मचारियों का वेतन देना पड़ता है और साथ ही किट तथा रीजेंट की लागत भी चुकानी पड़ती है. ऐसे में वे मुफ्त में जांच नहीं कर सकते हैं।