नई दिल्ली। मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की मुसीबत है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। इस बार अनिल अंबानी की भारी मुसीबत की खबर भआरत से नहीं बल्कि लंदन से आई है। लंदन के एक कोर्ट ने उन्हें एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि चीन के तीन बैंकों को 717 मिलियन डॉलर यानी की 5000 करोड़ से ज्यादा रुपए 21 दिनों के अंदर चुका दें। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लागू प्रक्रियाओं के अनुरूप सुनवाई करते हुए लंदन में इंग्लैंड और वेल्स के हाई कोर्ट के जस्टिस नीगेल टीयरे ने कहा कि इस मामले में अनिल अंबानी की पसर्नल गारंटी है, जिसके कारण उन्हें रकम चुकानी होगी।
अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कोर्ट में अनिल अंबानी की तरफ से कहा यह अंबानी का व्यक्तिगत ऋण नहीं है। अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड द्वारा 2012 में कॉर्पोरेट लोन से जुड़ा है। इसके लिए उन्होंने पर्सनल गारंटी दी थी।
यह मामला चीन के इंडस्ट्रियल एंड कमिर्शियल बैंक और चाइना लि. मुंबई शाखा, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्जिम बैंक और चाइना से जुड़ा है. फरवरी में इन बैंकों के समर्थन में सशर्त आदेश जारी किया गया था।
जज डेविड वाक्समैन ने सात फरवरी को इस मामले में सुनवाई करते हुए 2021 में पूरी सुनवाई तक छह सप्ताह में 10 करोड़ डॉलर के भुगतान का आदेश दिया था। इस सप्ताह आए आदेश में पूर्व में तय अगले साल 18 मार्च को सुनवाई की तारीख को रद्द करते हुए बैंकों के पक्ष में अदालती लागत का भी आदेश दिया. इससे कुल बकाया राशि में 7,50,000 पौंड और जुड़ गए हैं।