आईसीएमआर ने माना
नईदिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद उसके शव से धीरे-धीरे कोविड-19 संक्रमण कम होने लगता है लेकिन शव को कब गैर-संक्रामक घोषित किया जा सकता है, इसकी कोई अवधि निश्चित नहीं है. ये जानकारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने दी है.
आईसीएमआर से मंगलवार को सवाल किया गया कि कोरोना वायरस का असर किसी शव से कितने दिनो में समाप्त होता है. इसके जवाब में आईसीएमआर ने कहा इसकी कोई अवधि तय नहीं है, इसलिए किसी भी शव के संपर्क में आने वाले लोगों को आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए और पोस्टमार्टम के लिए ऐसी तकनीक अपनानी चाहिए, जिसमें चीर-फाड़ नहीं करनी पड़े.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ‘भारत में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की मौत के बाद उनके शवों के लिए चिकित्सा-विधान संबंधी मानक दिशा निर्देशोंÓ में कहा कि कोविड-19 श्वास संबंधी बीमारी है और ऐरोसॉल के जरिए फैलती है.
उसने कोविड-19 के संदिग्ध मृतक के शव की (आरटी-पीसीआर) जांच रिपोर्ट में संक्रमित नहीं पाए जाने के बाद उसके पोस्टमार्टम से जुड़े प्रोटोकॉल संबंधी प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि कोविड-19 आरटी-पीसीआर से परिणाम में संक्रमण की पुष्टि नहीं होने संबंधी गलत परिणामों की अपेक्षाकृत अधिक दर होने के मद्देनजर हर मामले को संभावित कोरोना वायरस संक्रमण का मामला समझा जाएगा. उसने कहा, महामारी के दौरान इन शवों के पोस्टमार्टम में चीर-फाड़ नहीं करने की सलाह दी जाती है.