उम्र बढऩे पर तो याददाश्त कमजोर होती ही है लेकिन कुछ बच्चों और वयस्कों को भी बातें और चीजें याद रखने में दिक्कत होती है। पोषण की कमी या किसी चोट या बीमारी की वजह से व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो सकती है। हालांकि, आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि याददाश्त बढ़ाने के घरेलू उपाय इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
अगर आपकी या आपके किसी करीबी की याददाश्त कमजोर है तो अपने आहार में याददाश्त बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों और याददाश्त बढ़ाने के उपायों की मदद से इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
तो चलिए जानते हैं याददाश्त बढाने के घरेलू तरीकों के बारे में।
फिश ऑयल सप्लीमेंट
मछली का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड इकोसपेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसेहैक्सेनोइक एसिड (डीएचए) से युक्त होता है। ये फैट तनाव और एंग्जायटी को कम करने में मदद करते हैं। कई अध्ययनों में सामने आया है कि फिश ऑयल सप्लीमेंट से खासतौर पर बुजुर्ग व्यक्तियों की याददाश्त में सुधार आ सकता है।
सेब
सेब में क्यूरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है। अगर इन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचे तो बौद्धिक क्षमता में भारी गिरावट आ सकती है। सेब पार्किंसन और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने की शक्ति रखता है।
याददाश्त तेज करने का घरेलू उपाय है ब्राहृमी
याददाश्त बढ़ाने और बौद्धिक क्षमता में सुधार लाने के लिए ब्राह्मी सबसे बेहतरीन जड़ी बूटियों में से एक है। इसमें बैकोसाइड और सिटग्मास्टेरोल जैसे कई बायोएक्टिव तत्व मौजूद हैं जो न सिर्फ याददाश्त में सुधार लाते हैं बल्कि मस्तिष्क के कार्य को भी ठीक करते है।
याददाश्त तेज करने का उपाय है जिनसेंग
ये न सिर्फ एक एंटी-एजिंग जड़ी बूटी है बल्कि इसमें जिनसेनोसाइड नामक एक्टिव तत्व होता है जो कि नूट्रोपिक प्रभाव (याददाश्त और बौद्धिक क्षमता बढ़ाने वाले) देने के लिए जाना जाता है। जिनसेंग खासतौर पर मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संकेत भेजने में मदद करता है जिससे आप चीजों को आसानी से याद रख सकते हैं।
याददाश्त तेज करने का घरेलू उपाय है शंखपुष्पी
ये जड़ी बूटी भी नूट्रोपिक प्रभावित देती है। इसका इस्तेमाल तनाव, अनिद्रा और एंग्जायटी के इलाज में किया जाता है। पशुओं पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि शंखपुष्पी मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संबंध को बढ़ाती है जिससे मस्तिष्क के कार्य में सुधार आता है। इसके अलावा इसमें कई एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होते हैं जो मस्तिष्क को स्वास्थ्य संबंधित स्थितियों और उम्र की वजह से याददाश्त कमजोर होने की समस्या से बचाते हैं।
याददाश्त तेज करने का तरीका है मेडिटेशन
मेडिटेशन तनाव को कम करने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। साइकोलॉजी के 293 छात्रों को माइंडफुलनेस ट्रेनिंग दी गई जिससे इनकी चीजों को याद रखने की क्षमता में सुधार आए। अध्ययन में पाया गया कि जिन छात्रों को ट्रेनिंग नहीं दी गई थी उनकी तुलना में ट्रेनिंग लेने वाले छात्रों की याददाश्त में सुधार आया है।
याददाश्त बढ़ाने का घरेलू उपचार है एक्सरसाइज
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। रिसर्च में सामने आया है कि एक्सरसाइज से सभी उम्र के लोगों की याददाश्त में सुधार आने में मदद मिल सकती है। वहीं कई अध्ययनों में एक्सरसाइज से न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रोटीन के स्राव में बढ़ोत्तरी हो सकती है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने वाले न्यूरोंस के विकास में भी सुधार आता है।
याददाश्त बढ़ाने का घरेलू नुस्खा है हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो कि शरीर में एंटी-इंफ्लामेट्री प्रभाव देता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव भी होता है। पशुओं पर किए गए कई अध्ययनों में पाया गया कि करक्यूमिन मस्तिष्क में ऑक्सीडेटिव डैमेज और सूजन को कम करने में मदद करता है।
याददाश्त बढ़ाने का घरेलू उपाय है नींद लेना
याददाश्त बढ़ाने और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए नींद भी बहुत जरूरी होती है। वयस्कों को प्रतिदिन सात से नौ घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
शराब से दूर रहें
शराब का अधिक सेवन कई तरह से याददाश्त को प्रभावित करता है। 155 कॉलेज के छात्रों पर की गई स्टडी में पाया गया कि जो छात्र कम समय में ही (हफ्ते या महीने में) 6 या इससे ज्यादा ड्रिंक लेते हैं तो उन्हें चीजों को याद रखने में ड्रिंक न करने वाले लोगों की तुलना में दिक्कत होती है।
याददाश्त कमजोर हो तो कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि, घरेलू नुस्खों की मदद से आप दिमाग को तेज कर सकते हैं।