कोरबा। रजगामार स्थित बांस बाडी में आग लगी हुई है। वही आग बुझाने वाले नदारत है।
गर्मियों में सूखे पत्तो में आग लगने की घटना सामान्य बात है, जिसको बुझाने के लिए लाखो के फंड भी वन विभाग मुहैया करता है। निश्चित ही इस फंड का कही सदुपयोग तो कही दूरउपयोग भी होता है। कई बार आग लगती नहीं बल्कि लगा दी जाती है। बहारहाल यहाँ आग लगी या लगाई गयी है, ये तो जाँच का विषय है लेकिन रजगामार के सागौन बाडी में लगी आग को भुझाने वन विभाग का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं है। यहाँ वन विभाग अधिकारियो के लिए तीन सरकारी क्वाटर बने हुए है। जिसमे एक चटर डिप्टी रेजर श्री जायसवाल के नाम आबंटित है। दूसरा फारेस्ट गार्ड श्री शुक्ला के नाम आबंटित है वही तीसरे में रिटार्ड डिप्टी रेंजर श्री पांडेय विगत डेढ़ साल से कब्जा जमाये हुए है।
यहाँ बताना लाजमी होगा कि डिप्टी रेंजर और फारेस्ट गार्ड के चटर आबंटन के बाद भी वहाँ निवासरत नहीं है। यही वजह है कि सागौन बाडी में आग लगने के बावजूद वन विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पंहुचा है। जबकि सागौन बाडी वन विभाग के सरकारी चटर के ठीक सामने स्थित है।