कई लोग दांत की साफ-सफाई करते वक्त मसूड़ों पर ध्यान नहीं देते. जबकि मसूड़ों की साफ सफाई भी उतनी ही जरूरी है जितनी कि दांतों की. गंदे मसूड़े पर बैक्टीरिया और गन्दगी जमा होने के कारण सूजन आ सकती है. मसूड़ों से खून आना मसूड़े की गंदगी और इसपर बैक्टीरिया जमा होने का एक लक्षण है. मसूड़े साफ न होने पर स्ट्रोक, डाइबिटिज और दिल की बीमारियों जैसी जानलेवा समस्याएं हो सकती हैं. हाल में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि मसूड़ों की बीमारी से जूझ रहे वयस्कों में सामान्य लोगों के मुकाबले में ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा ज्यादा होता है.
ब्लड सर्कुलेशन पर असर डालती है मसूड़ों की सूजन:
शोध में यह बात सामने आई कि मसूड़ों की बीमारी से पीडि़त लोगों के मस्तिष्क में धमनियों के जाम ब्लॉक (अवरुद्ध) होने की संभावना दोगुनी थी. जब मस्तिष्क की धमनियां चिपचिपे पदार्थ से चिपक जाती हैं, तो खून का बहाव सीमित हो जाता है और स्ट्रोक का कारण बनता है. मसूड़ों की सूजन खून के बहाव को को प्रभावित करके धीरे-धीरे रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देता है.
पेरीडोंटल से बचने के लिए अच्छे से करें ब्रश
रोजाना दांतों की सफाई करना इस बीमारी से बचने का सबसे आसान तरीका है. मसूड़ों की बीमारी जिसे पेरीडोंटल भी कहते हैं, बैक्टीरिया और गदंगी की वजह से होने वाला संक्रमण है. इसका सबसे मुख्य लक्षण मसूड़ों से खून आना है. अगर इसका इलाज नहीं हुआ, तो जबड़े को समर्थन देने वाले ऊतकों तक यह बीमारी फैल जाती है जिससे सारे दांत गिर सकते हैं.
दो अध्ययन किए गए:
पहले में शोधकर्ताओं ने 1,145 लोगों पर अध्ययन किया जिन्हें कभी मस्तिष्काघात नहीं हुआ था. दूसरे में 265 ऐसे मरीजों को शामिल किया गया जो ब्रेन स्ट्रोक के मरीज थे. इन लोगों की औसत उम्र 76 साल तक थी. शोधकर्ताओं ने एमआरआई ब्रेन स्कैनिंग के माध्यम से उनके मस्तिष्क की धमनियों में ब्लॉकेज का पता किया. इससे यह जानकारी प्राप्त हुई कि औसतन 10 में से एक व्यक्ति के मस्तिष्क की धमनियां पूरी तरह से जाम थीं.