Home छत्तीसगढ़ मुंगेली जिला प्रशासन को लेनी पड़ रही निजी संस्थाओं से मदद..खुद हुए...

मुंगेली जिला प्रशासन को लेनी पड़ रही निजी संस्थाओं से मदद..खुद हुए गैरजिम्मेदार… जिला प्रशासन के अधिकारियों पर निजी संस्था लगा रहे कई आरोप…

164
0

मुंगेली/ कोरोना वायरस महामारी वर्तमान राजनीतिज्ञों के लिये राजनीति का विषय बन गया हैं तो वही कलमकारों के लिए विज्ञापन का जरिया बन गया हैं, किंतु केवल मजदूर व किसान वर्ग बहुत ज्यादा परेशान है, कारण छत्तीसगढ़ राज्य के मजदूर वर्ग जो अन्य राज्य में फंसे हुए हैं, उन्हें अपने प्रदेश वापस बुलाने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल लगातार प्रयास कर रहे और कई मजदूर पैदल, सायकल या अन्य साधनों से प्रदेश में अपने गांव, शहर आ रहे परन्तु मुंगेली पहुँचते ही उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, मुंगेली के जनप्रतिनिधियों की माने तो मुंगेली जिला प्रशासन मुंगेली आये उन मजदूरों की सुध औपचारिक मात्र ले रहा है मुंगेली पहुँचे मजदूरों के लिए जिला प्रशासन भी निजी संस्थानों पर निर्भर होकर खुद को गैरजिम्मेदार बताने में जुट गया हैं।
अभी हाल ही में शहर के बीआर स्कूल परिसर में स्थित शिवकुमार पाठक भवन में कुछ मजदूरों को रुकवाया गया था जिन्हें जनप्रतिनिधियों के बताए अनुसार उन्हें भोजन उपलब्ध नही हो पा रहा था जिसके चलते उन्हें भूखे रहना पड़ा और क्वारंटाईन सेंटर जाना पड़ा. वही कुछ जनप्रतिनिधियों एवं नेताओ ने आरोप लगाते हुए ये जानकारी दी हैं कि भोजन नही मिलने के कारण वे मजदूर वहाँ से भाग गए है, बहरहाल इस पूरे मामले की आधिकारिक पुष्टि नही हो पाई हैं, किंतु मुंगेलीवासियों की माने तो कुछ संस्थाओं द्वारा मुंगेली पहुँचे मजदूरों को जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा निजी संस्था को अनुरोध किया गया जिस पर रुके मजदूरों को उनके द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था किंतु जनप्रतिनिधियों के बताए अनुसार जो भोजन मजदूरों को दिया गया वो स्वादहीन और अपर्याप्त था जिसके चलते मजदूरों के भागने की वजह बताई गई, समाजसेवी संस्थाओं ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों के काफी अनुरोध पर ही खाने की व्यवस्था उनके द्वारा की गई, अब इसमें सोचने वाली बात ये हैं कि क्या जिला प्रशासन मुंगेली पहुँचे मजदूरों को भोजन नही करा सकती ? खैर देखना यह हैं कि अब जिला प्रशासन और राज्य शासन इस मामले में क्या कार्यवाही करती हैं। नगर पालिका से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका द्वारा रुके मजदूरों को पर्याप्त भोजन एवं खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा चुकी थी उसके बाद भी समाजसेवी संस्था और कुछ लोगों ने जबरन उन मजदूरों को भ्रामक जानकारी दी।