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बिना जांच के प्रवासी मज़दूरों से भरी बस पहुंची छत्तीसगढ़ के दो जिलों में, मचा हड़कंप

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कवर्धा। कोरोना वायरस को लेकर पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ हैं, हर घंटे में प्रभावित और मौत का आंकड़ा लगातार बदलता जा रहा है। स्थिति भयावह हो चुकी है , इन्हीं प्रवासी मजदूर के चलते ग्रीन जोन से सीधा रेड जोन और हाई अलर्ट पर कवर्धा पहुंच चुका है। जब से 6 प्रवासी मजदूर कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए हैं तब से पूरे छत्तीसगढ़ की नजर कवर्धा जिला पर लगी हुई है उसके बाद भी प्रशासनिक अमला की लापरवाही आने वाले समय में कहीं भारी न पड़ जाए बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात को मां करणी ट्रैवल्स की बस सीजी 08 एम 063 में हैदराबाद से राजनांदगांव पहुंचे प्रवासी मजदूर को राजनांदगांव के अधिकारी कवर्धा बिना जांच के ही भेज दिए।
लगभग 40 मजदूर पहुँचे छिपकर अपने गॉव
इधर रात के अंधेरे में प्रशासनिक अमला सोते रहा और उधर बस से लगभग 40 लोग उतर कर जिले के अलग-अलग गांव में अपने परिवार के साथ चुपके से दाखिल हो गए, यदि इनमें से एक भी कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज होगा तो पूरे इलाके के साथ जिले के लिए एक बार फिर बेहद दिक्कतों का सामना करने के अलावा विस्फोटक स्थिति बन सकती है और देखते ही देखते आंकड़े छह से कहीं अधिक जा सकती है
रात 1:00 बजे चुपके से पहुंची बस
प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वे पिछले कई सालों से हैदराबाद में कार्य कर रहे हैं और अपने परिवार के साथ पैदल चलते-चलते राजनांदगांव जिला पहुंचे थे, वहां उन्हें बुधवार को रोक दिया गया रात होते ही बिना जांच के ही उन्हें एक बस में बैठा कर कवर्धा के लिए रवाना कर दिया गया बस में लगभग 50 प्रवासी मजदूर परिवार सवार थे।
मामले का यूं हुआ खुलासा
रात के अंधेरे में यह सब कब हो जाता किसी को कानो कान खबर नहीं हो पाती। लगभग 40 मजदूर कवर्धा जिले के अलग-अलग गांव में बस से उतर कर चले गए लेकिन लगभग 10 से 15 मजदूर बस स्टैंड में आकर बैठ गए क्योंकि उन्हें मुंगेली जाना था कुछ जागरूक लोगों के द्वारा जानकारी दी गई। तब प्रशासनिक अमला जागा, तब तक काफी देर हो चुकी थी और मजदूर गांव की रुख कर चुके थे।
गांव की स्थिति बेहद विस्फोटक
जिस तरह से लगातार जंगल व प्रमुख मार्गो से प्रवासी मजदूर पैदल चल कर चोरी छिपे लगातार गांव के अपने घर पहुंचने की खबर मिल रही है। यह आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी है और स्थिति बेहद भयावह और विस्फोटक हो सकती है। एक कोरोना पॉजिटिव मरीज ना जाने कितने लोगों को अपने साथ बीमार कर सकता है इसका अंदाजा शायद मजदूरों को नहीं है।
राजनांदगांव से कवर्धा कैसे पहुंची बस
जिला प्रशासन को इस बात को लेकर गंभीरता के साथ जांच करनी चाहिए कि बस में जब 50 प्रवासी मजदूर सवार थे तो यह बस राजनांदगांव से कवर्धा बस स्टैंड तक बिना किसी रोक-टोक के कैसे पहुंची और मजदूर इससे उतर कर अपने गांव में कैसे पहुंचे, इस दौरान सुरक्षा अमला व जांच नाका में बैठे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी क्या कर रहे थे क्या जानबूझकर इन मजदूरों को छोड़ा गया। बहरहाल यह जांच का विषय है लेकिन स्थिति बेहद चिंताजनक बनती जा रही है जो जिला सबसे सेफ था और यह ज्वालामुखी बनने जा रहा है।