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प्रेग्नेंट होने से पहले महिलाओं को करवा लेने चाहिए ये टेस्ट

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प्रेग्नेंसी के बाद तो मां और शिशु के स्वास्थ्य स्थिति जानने के लिए टेस्ट और नियमित चेकअप करवाए ही जाते हैं लेकिन गर्भधारण करने से पहले भी महिलाओं को कुछ जरूरी टेस्ट करवा लेने चाहिए। डॉक्टर प्रेग्नेंसी से पहले कुछ टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं जिन्हें प्री-प्रेग्नेंसी टेस्ट कहा जाता है।
क्या है प्री-प्रेग्नेंसी चेकअप
गर्भधारण करने से पहले डॉक्टर महिला और पुरुष दोनों के ही कुछ टेस्ट करवाते हैं जिनकी मदद से ये पता लगता है कि उन दोनों को कोई बीमारी या स्वास्थ्य समस्या तो नहीं है। इन टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर ही डॉक्टर प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी आहार, एक्सरसाइज और सप्लीमेंट देते हैं।
ब्लड ग्रुप और एंटीबॉडी स्क्रीन
सबसे पहले महिला का ब्लड ग्रुप जानने के लिए ब्लड टेस्ट करवाया जाता है। यदि किसी महिला का आरएच नेगेटिव या आरएच पॉजीटिव ब्लड है और उसके पार्टनर का आरएच नेगेटिव ब्लड ग्रुप है तो आरएच नेगेटिव महिला एवं आरएच पॉजीटिव पुरुष के शिशु में हीमोलिएटिक डिजीज का खतरा रहता है। इस स्थिति में शिशु के मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है या नवजात की मृत्यु भी हो सकती है।
प्रेग्नेंसी से पहले महिला का एंटीबॉडी टेस्ट भी करवाया जाता है। अगर किसी महिला ने पहले कभी खसरे या रूबैला के लिए बहुत समय पहले वैक्सीन लगवाया था तो इस टेस्ट की मदद से पता लगाकर उन्हें बूस्टर वैक्सीन लेने की जरूरत जांची जाती है।
सिफलिस सेरोलॉजी
सिफलिस इंफेक्शन के लिए ब्लड टेस्ट करवाया जाता है। सिफलिस एक यौन संक्रमित इंफेक्शन है जिसमें अक्सर कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। सिफलिस के कारण गर्भावस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है लेकिन इसके पता चलने के बाद एंटीबायोटिक की मदद से आसानी से इसका इलाज किया जा सकता है।
वायरल इंफेक्शन
डॉक्टर इस बात की सलाह देते हैं कि सभी महिलाओं को गर्भधारण से पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और एचआईवी की जांच करवा लेनी चाहिए। इनकी वजह से गर्भवती महिला और शिशु दोनों को ही मुश्किल हो सकता है।
यूरिन टेस्ट
प्री-प्रेग्नेंसी चेकअप में मूत्रमार्ग में संक्रमण यानी यूटीआई और किडनी से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने के लिए पेशाब की जांच की जाती है।
गायनेकोलोजिकल स्क्रीनिंग
इस स्क्रीनिंग में यूटराइन फाइब्राएड, सिस्ट, गैर-कैंसरकारी ट्यूमर या पेल्विक इंफ्लामेट्री डिजीज का पता लगाया जाता है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी को प्रभावित करने वाली समस्याओं जैसे कि अनियमित माहवारी और पीसीओएस की भी जांच की जाती है।
अन्य ब्लड टेस्ट
विटामिन बी की कमी, हीमोग्लोबिन काउंट जानने, आरएच फैक्टर, रूबैला, वैरीसेला, टीबी, थायराइड और टोक्सोप्लासमोसिस आदि की जांच के लिए भी प्रेग्नेंसी से पहले डॉक्टर महिलाओं को ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।