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ऑरेंज जोन में आया गोरखपुर, बॉर्डर से आवाजाही पाबंद

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गोरखपुर। उरुवा के हाटा बुजुर्ग गांव में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के साथ ही गोरखपुर ने ग्रीन जोन का स्टेटस खो दिया है। अब यह अरेंज जोन के सूची जिलों में शामिल हो गया है। जिले की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गईं हैं और जिले की सीमा में लोगों के प्रवेश की पाबंदी लगा दी गयी है।
गोरखपुर ने ग्रीन जोन में बने रहने को शुरू से ही कड़ी मेहनत की थी, लेकिन कोरोना संक्रमण का केस मिलने से पूरी मेहनत बेकार हो गई है। हालांकि जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने रविवार को पूरी रात से ही मेहनत कर गांव की स्क्रीनिंग की। सोमवार को भी जिला प्रशासन ने मेहनत जारी रखी थी। फिलहाल गांव में सब कुछ नियंत्रण में है।
ग्रीन जोन में आने के लिए गोरखपुर को करनी होगी मेहनत
गोरखपुर को ग्रीन जोन में आने के लिए कम से कम अगले 14 दिन कोई भी नया केस नहीं आना चाहिए। अगर 14 दिन तक कोई नया केस नहीं आया तो गोरखपुर फिर से ग्रीन जोन में आ जाएगा।
गोरखपुर-बस्ती मंडलों में कौन जिला किस जोन में
कोरोना संक्रमण के आधार पर देश के जिलों को तीन अलग-अलग जोन में बांटा गया है। सबसे सुरक्षित ग्रीन जोन माना गया है। लॉक डाउन के समय से ही गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया ग्रीन जोन में बने हुए थे, लेकिन गोरखपुर में कोरोना मरीज मिलने के बाद यह जिला अब महराजगंज की कतार में खड़ा हो गया है। बता दें कि बस्ती मण्डल के दो जिले संतकबीरनगर और बस्ती रेड जोन में हैं।
क्या हैं जोन के मापदंड
ग्रीन जोन : ऐसा जिला या क्षेत्र जहां कोई भी कोरोना संक्रमित न पाया गया हो
ओरेंज जोन : ऐसा जिला या क्षेत्र जहां एक से लेकर 10 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
रेड जोन : ऐसा जिला जहां 10 से अधिक लोग कोरोना के चपेट में हैं।
बोले जिलाधिकारी
जिलाधिकारी के. विजयेन्द्र पांडियन का कहना है कि अब बार्डर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। बार्डर पर जो भी मिलेगा उसकी पहले जांच कराई जाएगी। जरा सा भी संदेह होने पर बार्डर के पास ही बने क्वारंटीन सेंटर में क्वारंटीन कर दिया जाएगा।