मुंगेली/ कोरोना वायरस के बचाव के लिए देश भर में लॉकडाउन लागू है साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग भी अनिवार्य किया गया हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही करने की हालत में हर व्यक्ति एक-दूसरे के संपर्क में आ रहा हैं, कौन व्यक्ति संक्रमित हैं कौन नही, ये तो जांच रिपोर्ट के आधार पर ही बताया जा सकता हैं, अन्य जिलों के साथ साथ मुंगेली में भी कई लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया था। देश -दुनिया ऐसे वायरस से जूझ रहा हैं जो अदृश्य हैं, और अभी तक इसका कोई इलाज या वैक्सीन नही बना, ऐसे में केवल कुछ उपाय या परहेज हैं जिससे इस कोरोना वायरस को मात दी जा सकती हैं जिसमें लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग, मॉस्क, सेनेटाइजर सहित अन्य उपाय भी शामिल है, राज्य और जिला प्रशासन द्वारा लगातार इन उपायों को पालन करने सभी को जागरूक भी कर रही हैं, तथा जरूरतमंदों को जरूरी सामान भी उपलब्ध कराया जा रहा हैं।
अभी हाल ही में राज्य शासन और जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संकट काल में 3 मई तक लागू लॉक डाउन के दौरान ही कई दुकानों को निर्धारित समय के लिए खोलने की अनुमति प्रदान की गई हैं, जिन दुकानदारों को दुकान खोलने की अनुमति मिली तो अपने दुकान तो खोल दिये पर उनके द्वारा शासन के कोरोना एडवायजरी नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं, दुकानों में ग्राहकों की आवाजाही बड़ी संख्या में देखी गई, जहाँ ग्राहक न ही मॉस्क लगा कर आ रहे और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा, दुकानदारों को ये चाहिए कि ग्राहकों को उसी शर्त पे समान दे जब वे दूरी बना कर दुकानों में प्रवेश करें, एक साथ दुकानों में भारी भीड़ होने के कारण भविष्य में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं ? यही हाल बैंकों का हैं बैंकों में रोजाना भारी भीड़ देखी गई, बैंक प्रबंधन द्वारा भी बैंक के कार्यो से आये लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही कराया जा रहा, अभी बैंक आने वालों में अधिकतर ग्रामीण शामिल हैं, और ग्रामीण अंचलों में सोशल डिस्टेंसिंग को लोग अच्छे से समझे ये जरूरी नही ? ऐसे में बैंक प्रबंधन को चाहिए कि वे सिक्यूरिटी के द्वारा भी बैंक आये लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराये.. जैसे ही कई दुकानों के खुलने की अनुमति मिली वैसे ही आज शहर में देखा गया कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक बना अपना कार्य कर रहे हैं, जिला एवं पुलिस प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग को पालन कराने हर संभव प्रयास किया गया परंतु जब तक लोगों, दुकानदारों और बैंकों द्वारा खुद से ही सोशल डिस्टेंसिंग को कड़ाई से पालन नही किया जाएगा ऐसे में पुलिस और जिला प्रशासन क्या कर सकती हैं ? हर दुकानों, संस्थानों और बैंकों में पुलिसकर्मी तो तैनात नही किया जा सकता, ऐसे में जिला व पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वो शहर एवं क्षेत्र में एनाउंसमेंट करा सभी को गंभीरता से सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करने सहित अन्य सुरक्षा उपायों को बताये साथ ही कार्यवाही करने भी सचेत करें जिससे सभी कुछ तो जागरूक हो सके।