अपने खुद के ट्रैक मैं डूबा रहूं के साथ आए गायक आदित्य नारायण का कहना है कि वह जितना अधिक अपने स्वतंत्र संगीत को प्रोमोट करते हैं, उन्हें उतना ही अहसास होता है कि सफल होना कितना मुश्किल है। उन्होंने कहा, स्वतंत्र संगीत बनाना काफी मुश्किल है। मेरा समर्थन उन सभी स्वतंत्र संगीतकारों के साथ है, जिन्हें बहुत अधिक लोग नहीं जानते हैं। मेरे लिए यह बहुत आसान रहा है, क्योंकि मैं लंबे समय से काम कर रहा हूं और लोग मुझे जानते हैं। जितना अधिक मैं अपने स्वतंत्र संगीत को प्रोमोट करता हूं, उतना ही अधिक मुझे यह पता चलता है कि सफलता पाना कितना कठिन है, क्योंकि इन सब में बहुत पैसे खर्च होते हैं और एक महत्वाकांक्षी संगीतकार के पास स्पष्ट रूप से बहुत कुछ नहीं होता है।
उन्होंने आगे कहा, जब मेरा गाना रामलीला रिलीज हुआ था, तब मैं भी एक महत्वकांक्षी संगीतकार था। वह गाना और फिल्म के सभी गानों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था।
आदित्य ने कहा कि इसके बाद वह बैठे नहीं रहें, बल्कि उन्होंने और अधिक अवसरों की तलाश की
उन्होंने आगे कहा, मुझे अहसास हुआ कि मैं किसी पर भी मेरे करियर के लिए या संगीत के लिए निर्भर नहीं हूं। अगर मुझे यह मिलता है तो बढिय़ा और अगर मुझे यह नहीं मिलता है तो भी अच्छा है। लेकिन जब मैंने खुद के लिए संगीत बनाया, तो मैंने अपना खुद का बैंड भी बनाया है। इसका नाम है ए टीम।
आदित्य ने यह भी बताया कि इस गाने से होने वाली आय दान में जाएगी।
उन्होंने कहा, इससे होने वाली आय पीएम-केयर्स फंड में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए जाएगी। मैं यह सब पैसे के लिए नहीं कर रहा हूं। ऐसे में अगर आप मेरे वीडियो को किसी एप या यूट्यूब पर सुनते हैं तो आप बस खुद का मनोरंजन नहीं कर रहे हैं, बल्कि आप एक बदलाव ला रहे हैं।