रायपुर
रक्षा बंधन के त्योहार पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों से खास अपील की है. उन्होंने कहा है कि इस बार प्रदेशवासी स्व-सहायता समूहों की बहनों की बनाई हुई राखियों का ही उपयोग करें. उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों की बहनों ने जो गोबर और अन्य स्थानीय उत्पादों से राखियां तैयार की हैं, लोग आगे बढ़कर उसे खरीदें. इससे स्व-सहायता समूह की बहनों के चेहरे खिलेंगे, उन्हें मदद भी मिलेगी.
उन्होंने कहा कि गोबर की बनी राखियों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये राखियां ईको-प्रेंडली होती हैं. यह पर्यावरण के हित में भी हैं. साथ ही, जब कोई बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेगी, तो दूर गांव की एक और बहन के चेहरे पर मुस्कान आएगी. इससे समाज के हर वर्ग में सौहार्द्र बढ़ेगा.
ये राखियां लक्ष्मी का वरदान हैं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा – मैं आपसे वादा लेना चाहता हूं कि इस बार राखी के त्योहार पर छत्तीसगढ़ में ही बनी राखियों का जरूर इस्तेमाल करें. उन्होंने कहा कि राखी के त्योहार को खास बनाने के लिए गांव-गांव में हमारी बहनों ने विशेष प्रकार की राखियां तैयार की हैं. उन्होंने बताया कि गोबर को हमारे यहां पवित्र माना जाता है. इसे गो-वर कहा जाता है- जिसका अर्थ होता है मां लक्ष्मी का वरदान. उन्होंने बताया कि स्व-सहायता समूह की बहनों ने इसी गोबर से राखियां तैयार की हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह भी बताया है कि गोबर के अलावा धान, बांस, तरह-तरह के बीजों और अन्य दूसरे स्थानीय उत्पादों की राखियां हमारी बहनों ने बड़ी ही मेहनत और दिल से तैयार की हैं. ये राखियां बाजार में उपलब्ध हैं. इन्हें ही खरीदें.
समाज भी भरोसे के बंधन से ही बंधा है
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारे तीज-त्योहारों में राखी का त्यौहार सबसे सुंदर और अलग महत्व वाला त्योहार है. क्योंकि यह भाई और बहन की भावनाओं का त्यौहार है. यह भरोसे का त्यौहार है. राखी केवल एक धागा नहीं, बल्कि यह प्रेम का अटूट बंधन है.
उन्होंने कहा कि हमारा समाज भी इसी भरोसे के बंधन से ही बंधा हुआ है. एक-दूसरे का हाथ पकड़कर, एक-दूसरे पर भरोसा करके और एक-दूसरे की मदद करके ही हम आगे बढ़ पाते हैं. छत्तीसगढ़ में बनी राखियों का इस पावन पर्व पर उपयोग करने से स्व-सहायता समूह की बहनों को बड़ा संबल मिलेगा.