Home राज्यों से CM योगी ने माता पीतांबरा के किए दर्शन, महाभारत कालीन वनखंडेश्वर महादेव...

CM योगी ने माता पीतांबरा के किए दर्शन, महाभारत कालीन वनखंडेश्वर महादेव पर किया जलाभिषेक

44
0

लखनऊ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मंगलवार को झांसी जिले के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने हॉकी के जादूगर के नाम से विख्यात मेजर ध्यानचंद के खेल और विशेषकर हॉकी में उनके योगदान को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। झांसी में सीएम योगी तमाम सारी विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद यहां से सीधा मध्य प्रदेश के दतिया स्थित मां पीतांबरा पीठ पहुंचे और वहां पर विशेष पूजा अर्चना की। उन्होंने यहां महाभारत कालीन वनखंडेश्वर महादेव पर जलाभिषेक भी किया।

साल 1935 में हुई थी दतिया में स्थित मां पीतांबरा सिद्धपीठ की स्थापना
मिली जानकारी के मुताबिक, इस दौरान पुलिस-प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था चौकस रही। यह कार्यक्रम पूरी तरह से निजी कार्यक्रम रहा, जिसमें सीएम के साथ कुछ ही खास अधिकारीगण उपस्थित थे। इससे पहले सीएम योगी मई 2022 में भी यहां आ चुके हैं। मां पीतांबरा शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी है। दतिया में स्थित मां पीतांबरा सिद्धपीठ की स्थापना साल 1935 में हुई थी। यहां पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और फिर राजमाता विजयाराजे सिंधिया तक, सबने माता का आशीर्वाद प्राप्त किया।

मेजर ध्यानचंद में कूट कूट कर भरी थी देश प्रेम की भावना: सीएम योगी
आपको बता दें कि ध्यानचंद स्टेडियम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि यूं तो झांसी वीर, वीरांगनाओं की धरती है और महारानी लक्ष्मीबाई के पराक्रम की गौरव गाथा से देश और दुनिया में विख्यात है लेकिन जब बात खेल को होती है तो भी यह धरती किसी मायने में पीछे दिखाई नहीं देती है। यह वह धरा है जहां से मेजर ध्यानचंद ने अपने जादुई खेल से पूरी दुनिया को विस्मृत किया। वह न केवल जबरदस्त प्रतिभा संपन्न एक खिलाड़ी थे बल्कि देश प्रेम की भावना भी उनमें कूट कूट कर भरी थी। उनकी जबरदस्त हॉकी से प्रभावित होकर जब जर्मनी शासक ने उन्हे जर्मनी की नागरिकता देने का प्रस्ताव किया तो उन्होंने यह कहकर ठुकरा दिया कि मैं जैसा भी हूं मैं देश के लिए खेलता हूं। उन्होंने एक झटके में इस प्रस्ताव को ठुकरा कर राष्ट्र के प्रति अपने गहरे प्रेम को व्यक्त किया। आज मुझे कहते हुए गौरव की अनुभूति हो रही है।