ग्वालियर
इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव है। प्रदेश की नई सरकार का गठन भी इसी साल दिसंबर तक होगा। खास बात ये है कि इस नई सरकार में मप्र के गॉव में बने हर घर का अपना अलग नंबर होगा।
हर घर की अलग पहचान होने के साथ ही खसरे में भी हितग्राही के नाम से स्वामित्व को दर्ज किया जाएगा। इसके लिए ग्वालियर सहित पूरे मध्य प्रदेश में तेजी से सर्वे का काम किया जा रहा है, जोकि करीब-करीब आधा हो चुका है। इस सर्वे के साथ ही ग्रामीणों के आवेदन भी लिए जा रहे है ताकि उनका भूखंड सरकारी दस्तावेज में उनके नाम से दर्ज हो सके। हांलाकि आने वाले कुछ दिनों में प्रशासनिक अमला इलेक्शन पूरी तरह से इलेक्शन के काम काज मे जुट जाएगा। लिहाजा चुनाव बाद नई सरकार में ही प्रदेश के गॉव में हर घर का नंबर अलग नंबर जारी किया जाएगा।
निगरानी समिति करेगी निर्धारण
ग्रामीण क्षेत्र की आबादी का सर्वेक्षण एवं स्वामित्व अधिकार अभिलेख तैयार करने के लिए क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति अपू्रूवल देगी। प्रदेश के जिलों में बनाई गई इस जिला स्तरीय समिति का अध्यक्ष कलेक्टर्स को बनाया गया है।
यह है उद्देश्य
- ग्रामीण क्षेत्र के पात्र परिवारों को आवासीय भूखंड उपलब्ध कराए जााएंगे।
- आबादी भूमि कम होने पर अलग से आबादी क्षेत्र घोषित किया जाएगा।
- प्रत्येक आवास विहीन परिवार को निजी आवास के लिए भूखंड उपलब्ध कराया जाना है।
मप्र के साथ-साथ ग्वालियर में भी ग्रामीण क्षेत्र में घरों का सर्वे किया जा रहा है। इसमें आवेदन भरे जा रहे है। आवेदनों का सत्यापन और आरसीएमएस में दर्ज करने का काम भी जारी है। बकाया घरोंं का सर्वे भी जल्द पूरा कराया जाएगा।
-रविनंदन तिवारी, अधीक्षक-भू अभिलेख ग्वालियर