मुंगेली/ मुंगेली में तथाकथित समाजसेवियों द्वारा आये दिन अपने कार्यो का गुणगान सोशल मिडिया के माध्यम से किया जा रहा हैं, मुंगेलीवासियों एवं मुंगेली से जुड़े लोगों ने कहा कि आये दिन सोशल मीडिया में मुंगेली जिले में कुछ तथाकथित समाजसेवी बन जिलेवासियों और अधिकारियों के समक्ष अपने कार्यो का ऐसा बखान किया जा रहा हैं मानों उसके द्वारा कोरोना संकटकाल में जरूरतमंदों की मदद कर बहुत बड़ा एहसान किया जा रहा हो, उन समाजसेवकों द्वारा अपने सामग्री वितरण कार्यो का नित-प्रतिदिन सोशल मिडिया के माध्यमों से बखान किया जाता हैं परंतु मुंगेली के जनप्रतिनिधियों का कहना हैं कि उन्हें मुंगेली एवं क्षेत्र के लोगो से जो सहयोग राशि एवं सामग्रियां मिलती हैं कई बार उनका उल्लेख न करते हुए खुद अपना ही श्रेय लिया जाता हैं और अधिकारियों के नजर में बहुत बड़े समाजसेवी बनने का प्रयत्न किया जाता हैं । नाम न छपने की शर्त पर कुछ जनप्रतिनिधियों और नेताओं ने बताया कि अभी कोरोना संकट काल में जो कुछ समाजसेवी संस्था उभर कर सामने आ राहत सामग्रीयां बाँटने में लगी हैैं उनका उद्देश्य भविष्य में कही न कही NGO के माध्यम से लाखों-करोड़ों राशि डकारने का भी हो सकता हैं ? तभी तो अपने कार्यो का जिला प्रशासन के अधिकारियों के सामने इतना दिखावा किया जा रहा हैं, जबकि अगर निःस्वार्थ सेवा की भावना हो तो अपने कार्यो का बखान स्वयं नही किया जाता, उनके कार्याे की चर्चा स्वयं ही हो जाती है, और गरीबों को राहत सामग्री देते हुये इतनी फोटोबाजी नही की जाती। मुंगेली जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी इन दिखावे-बाज समाजसेवकों के स्वार्थ को समझना होगा।
अभी हाल ही में 12 अप्रैल को राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट उल्लेखित है कि विभिन्न निकायों में जनप्रतिनिधियों, एजेसियों, संस्थाओं एवं व्यक्तियों द्वारा आवश्यक सामाग्री वितरण किये जाने के कारण, जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये अति-आवश्यक फिजिकल डिस्टन्सिंग के सिद्धांत का पालन नही हो रहा है साथ ही लाॅकडाउन का पूर्ण पालन करने में भी कठिनाईयां आ रही है, अतः नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह निर्देशित किया जाता है कि क्रय या प्राप्त सामग्री का वितरण केवल जिला प्रशासन के माध्यम से किया जाये, इस कार्य हेतु इच्छुक संस्थायें एवं दानदाता समस्त सामग्री जिला प्रशासन को उलब्ध कराये। शासन के इस आदेश के बावजूद भी मुंगेली में कुछ समाजसेवकों द्वारा अभी भी सोशल डिस्टेसिंग नियमों को दरकिनार कर सामग्रियों का वितरण कर वाहवाही लूटी जा रही है जिस पर जिला प्रशासन को संज्ञान लेना अत्यंत आवश्यक है।
अभी कुछ दिनों पहले बिलासपुर रेंज के आईजी दीपांशु काबरा ने लॉकडाउन के दौरान जनप्रतिनिधिगण, समाजसेवी संस्थाओं तथा व्यक्ति विशेष पर नकेल कसते हुये कहा था कि लोग भोजन बांटने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही कर रहे है इसलिये अब यह काम केवल नगर निगम, स्थानीय निकाय व पुलिस करेगी। लाॅकडाउन के बाद से बिलासपुर संभाग के जिलों में जनप्रतिनिधिगण, समाजसेवी संस्थाये तथा व्यक्ति विशेष के द्वारा जरूरतमंदों को रोज भोजन, राशन लोगों के घर-घर पहुंचाया जा रहा था, इस पर आईजी ने कहा कि इससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है, जिसके चलते उन्होंने कई जगहों का निरिक्षण भी किया था जहां उन्होंने पाया था कि कई जगहों पर लोग राशन और भोजन के लिये भीड़ लगाये हुये है और सोशल डिस्टेंस का पालन नही किया जा रहा, इन सभी को देखते हुये आईजी दीपाशु काबरा ने रेंज स्तर पर निर्देश जारी कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के उद्देश्य से पुलिस व नगर निगम या स्थानीय निकाय के कर्मचारियों के माध्यम से भोजन व राशन लोगों तक पहुंचाने कहा था जिससे लोग कोरोना के संक्रमण से बच सकें। इसमें मुंगेलीवासियों को शंका हैं कि आईजी का यह आदेश मुंगेली जिला में लागू है अथवा नही ? इस पर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई हैं, वही पुलिस अधिकारियों एवं जानकारों का कहना है कि आईजी का आदेश समस्त रेंज-संभाग के लिये होता है, जिसके चलते कुछ तथाकथित समाजसेवकों ने पुलिस के कार्यशैली पर प्रश्न भी उठाया हैं, परन्तुु अब राज
★ शासन के आदेश के बाद भी जिला प्रशासन को सामग्रियां उपलब्ध कराने की बजाय कई लोग खुद समाजसेवक बन अधिकारियों के सामने खुद को जता रहे जनहितैषी…
★ मुंगेली कलेक्टर के आदेश की लोगों ने की जमकर तारीफ…
★ समाजसेवकों द्वारा अब भी नही किया जा रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन…
अभी हाल ही में 11 अपैल को मुंगेली कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि लॉकडाउन के मद्देनजर जरूरतमंदों को अनाज, सब्जी और अन्य खाद्य सामग्रियों का निःशुल्क बंटन विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं/दानदाताओं द्वारा किया जा रहा हैं समाजसेवकों/दानदाताओं द्वारा निःशुल्क सामग्री वितरण करते हुए उनके साथ उनकी फोटो विभिन्न सोशल साइट्स के माध्यम से साझा की जा रही हैं जिससे उनकी व्यक्तिगत गोपनीयता भंग होने की संभावना हैं, अतः मुंगेली कलेक्टर ने यह आदेश दिया था कि समाजसेवी संस्थाओं/दानदाताओं अथवा अन्य द्वारा जो उपरोक्तानुसार की जाने वाली मदद से सम्बंधित तस्वीरें सोशल साइट्स पर साझा न किया जाए, कलेक्टर के इस आदेश की जिले एवं प्रदेश में जमकर तारीफ हुई, कई समाजसेवियों के द्वारा राहत सामग्री वितरण में अब भी लापरवाही बरती जा रही और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नही रखा जा रहा और न ही वे मॉस्क पहन रहे अब ऐसे में संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाता हैं, अतः मुंगेली जिला प्रशासन को चाहिए कि राहत सामग्री बांटने वाले फोटो वायरल करने पर लगाये गए प्रतिबंध के अलावा राज्य शासन के नगरीय प्रशासन मंत्रालय द्वारा जारी आदेशों का पालन करने हेतु दानदाताओं और सामाजिक संस्थाओं को निर्देशित करें कि क्रय एवं प्राप्त सामाग्रियों का वितरण केवल जिला प्रशासन के माध्यम से की जाये और इस कार्य हेतु इच्छुक संस्थाएं और दानदाता समस्त सामाग्रियां जिला प्रशासन को उपलब्ध करायें। अगर ऐसा नही होता हैं तो देश-दुनिया मे कोहराम मचाने वाली कोरोना महामारी मुंगेली जिले के लिए भी संकट का कारण बन सकती हैं ?