रायपुर
उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने स्वच्छता को बढ़ावा देने, संक्रमण की रोकथाम और अपशिष्ट प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्य के 25 आयुष संस्थाओं को पुरस्कार प्रदान किया। उन्होंने आज रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित कायाकल्प-आयुष पुरस्कार समारोह में ये पुरस्कार वितरित किए। स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण तथा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का चार चरणों में मूल्यांकन के बाद उत्कृष्ट पाए गए 25 आयुष संस्थाओं का इन पुरस्कारों के लिए चयन किया गया था। राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के दिशा-निदेर्शानुसार आयुष संस्थाओं में स्वच्छता को बढ़ावा देने, संक्रमण की रोकथाम तथा अपशिष्ट प्रबंधन के साथ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश में कायाकल्प-आयुष का क्रियान्वयन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है।
कायाकल्प-आयुष की शुरूआत के बाद पूरे देश में आज पहली बार छत्तीसगढ़ में आयुष संस्थाओं के मूल्यांकन के बाद चयनित संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, रायपुर नगर निगम के सभापति श्री प्रमोद दुबे, रायपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा, केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती कविता गर्ग और चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै भी कायाकल्प-आयुष पुरस्कार समारोह में शामिल हुईं।
उप मुख्यमंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद में हजारों साल से जानकारी है। इसके इस्तेमाल से लोगों को सदियों से उपचार और राहत मिल रही है। पूरी दुनिया में अभी परंपरागत औषधियों को लेकर बात हो रही है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद आयुष डॉक्टरों से कहा कि आप लोगों के पास इस ज्ञान की धरोहर है जिसके माध्यम से आप लोग मरीजों का इलाज कर रहे हैं। आप लोग इस ज्ञान और इन पद्धतियों को आत्मविश्वास के साथ लोगों तक पहुंचाएं।
उप मुख्यमंत्री श्री सिंहदेव ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश की आयुष संस्थाओं में काफी बदलाव आया है। राज्य और केंद्र सरकार से इसके लिए लगातार सहयोग और राशि मिल रही है। उन्होंने इनका सदुपयोग करते हुए इन पद्धतियों का ज्यादा से ज्यादा लाभ लोगों तक पहुंचाने तथा आयुष संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने में करने को कहा। उन्होंने आयुष संस्थाओं के डॉक्टरों और स्टॉफ को बधाई देते हुए कहा कि आप लोगों ने छत्तीसगढ़ को गौरव प्रदान किया है। इसके लिए मैं आप लोगों को धन्यवाद देता हूं। पूरे देश में आज पहली बार आयुष संस्थाओं के मूल्यांकन के बाद उन्हें पुरस्कार दिए जा रहे हैं। जिन संस्थाओं को आज पुरस्कार मिल रहा है वे अन्य संस्थाओं के लिए पथ प्रदर्शक बनने के साथ ही अपना स्तर लगातार आगे लेकर जाएं।
केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव और राष्ट्रीय आयुष मिशन की प्रभारी श्रीमती कविता गर्ग ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक परिदृश्य में आयुष लगातार अपना स्थान बना रहा है। भारत पूरी दुनिया में इसका अगुवा बन सकता है। उन्होंने आयुष को बढ़ावा देने और आयुष संस्थानों की मजबूती के लिए छत्तीसगढ़ द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि यहां 400 आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स फंक्शनल है। छत्तीसगढ़ को इसके लिए जो लक्ष्य दिया गया था उसे राज्य ने शत-प्रतिशत हासिल किया है। श्रीमती गर्ग ने छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत कायाकल्प-आयुष के क्रियान्वयन को भी काफी सराहा। उन्होंने कहा कि यहां की आयुष संस्थाएं वॉलिंटियर कर पूरे भारत में जाएं और दूसरे राज्यों के अस्पतालों को बताएं कि उन्होंने यहां इसे कैसे अंजाम दिया।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै ने समारोह में बताया कि 1174 आयुष संस्थाओं में से 1054 संस्थाओं ने कायाकल्प-आयुष में भागीदारी की। राज्य की 90 प्रतिशत संस्थाओं की सहभागिता काफी उत्साहवर्धक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में राज्य की सभी आयुष संस्थाएं इसमें हिस्सा लेंगी। उन्होंने राज्य की आयुष संस्थाओं में स्वच्छता, संक्रमण पर नियंत्रण और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किए गए कार्यों के लिए सभी संस्थाओं और वहां की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यस्थल में अपने काम के प्रति गौरव को बढ़ाता है। यह मरीजों और उनके परिजनों के साथ-साथ अस्पताल के स्टॉफ को भी सुरक्षित रखता है।
आयुष विभाग की संचालक सुश्री नम्रता गांधी ने कार्यक्रम में आयुष संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण तथा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सुविधाओं और कायाकल्प-आयुष के तहत आयुष संस्थाओं के मूल्यांकन के बारे में भी बताया। समारोह में एनएबीएच के फैकल्टी डॉ. किरण पंडित ने आयुष संस्थाओं में गुणवत्ता उन्नयन का महत्व एवं संभावनाएं विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने इस दौरान अस्पतालों के लिए निर्धारित अलग-अलग मानकों की जानकारी दी। उन्होंने एनएबीएच मानक हासिल करने की प्रक्रिया और मूल्यांकन पद्धति के बारे में भी बताया। शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय रायपुर के छात्र-छात्राओं ने समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।