किसी को कम तो किसी को बहुत ज्यादा बिल
रायपुर। लॉकडाउन के कारण मीटर रीडिंग बंद हुई तो अब बिजली विभाग उपभोक्ताओं के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर औसत बिलिंग के मैसेज भेज रहा है। बिल काउंटर बंद होने के कारण उपभोक्ताओं से मार्च महीने का बिल ऑनलाइन पेमेंट करने कहा जा रहा है और मोर बिजली ऐप से भी बिल की सूचना भेजी जा रही है।लॉकडाउन के कारण बिजली विभाग को भी झटका पहुंचा है। जिले में भी कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए स्पॉट बिलिंग की सुविधा फिलहाल बंद है। ऐसे में आपके घर में बिजली खपत कितनी हुई है। यह जानने या मीटर चेक करने के लिए घरों में मीटर रीडर की एंट्री रोकी गई थी। अब इस माह मोबाइल मैसेज से उपभोक्ताओं को जानकारी दी जा रही है। फरवरी और मार्च की बिलिंग मोर बिजली एप या अनलाइन अपलोड कर दी गई है। कंपनी कार्यालयों में पहुंचकर नहीं बल्कि बिजली उपभोक्ता ऑनलाइन बिजली बिल जमा कर सकते हैं। इसमें जनवरी, फरवरी, मार्च में जमा किए गए बिल के अनुसार औसत बिल दिया जा रहा है। दरअसल उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ का लाभ देने औसत बिल पर फोकस किया जा रहा है। यही कारण है कि लॉकडाउन की वजह से बिजली उपभोक्ताओं को अप्रैल में औसत बिल भेजना शुरू किया गया है। बीते 2 हफ्तों से जिले में लाखों घरेलू उपभोक्ताओं का औसत बिजली बिल तैयार करने में विभाग जुटा हुआ है। विभाग में अधिकतर उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है। ऐसे में उन्हीं नंबरों पर बिल भेजकर ऑनलाइन पेमेंट करने की रिक्वेस्ट की जा रही है। जिससे लॉकडाउन के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।
इस तरह बन रहा औसत बिल
उपभोक्ताओं को औसत बिल का मैसेज उनके मोबाइल नंबर पर भेजना शुरू किया गया है। औसत बिल का आंकलन उपभोक्ता के सालाना खपत के आधार पर किया गया है। मान लीजिए कि साल भर में किसी उपभोक्ता ने 6 हजार रूपये का बिजली बिल पटाया है तो ऐसे में उसे 500 रुपए अप्रैल में भुगतान करना है।
लॉकडाउन में एटीपी बंद
उपभोक्ताओं का डाटा तैयार होने के बाद औसत बिजली बिल मोर बिजली एप में लोड किया गया है। जिस उपभोक्ता को मैसेज नहीं मिला है ,वे इस ऐप पर जाकर अपना बिल देख सकते हैं। एटीपी में बिल भुगतान लॉकडाउन की वजह से बंद है। इसलिए 30 अप्रैल तक ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं।