नईदिल्ली। कोविड-19 ने स्वास्थ्य क्षेत्र के समक्ष कई चुनौतियां पेश की हैं। कोविड-19 के लिए टेस्ट किट की सीमित संख्या भी ऐसी ही एक चुनौती है। अभी तक भारत मुख्य रूप से यात्रा इतिहास वाले रोगियों का ही परीक्षण करता रहा है। बहरहाल प्रति मिलियन आबादी के लिहाज से परीक्षण की दर में सुधार होना चाहिए।
इसकी परीक्षण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद -माइक्रोबायल प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर-इमटेक) ने कोविड-19 नमूना परीक्षण में तेजी लाने के लिए कदम बढ़ाया है। यह भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) द्वारा जारी निर्देर्शों तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा सीएसआईआर तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) से संबद्ध अन्य प्रयोगशालाओं के तहत कोविड-19 परीक्षण को प्रचालित करने के लिए जारी परामर्शी के अनुरूप है।
इमटेक चंडीगढ़ के निदेशक डा. संजीव खोसला ने कहा, ‘ सभी सरकार-प्रत्यायित प्रयोगशालाओं को शामिल करने की आईसीएमआर की पहल एक स्वागत योग्य कदम है और यह कोविड-19 नमूनों के परीक्षण में एक गेम चेंजर साबित होगा। यह संदिग्ध मरीजों के बीच परीक्षण दर को बढ़ाएगा। आरंभिक चरण में, इमटेक की योजना प्रति दिन 50 से 100 नमूनों का परीक्षण करने की क्षमताओं को प्रचालित करने की है जिससे धीरे धीरे आवश्यकता के अनुसार वृद्धि की जाएगी।
संस्थान ने कोविड-19 के लिए क्लिनिकल परीक्षण करने हेतु अपनी क्षमताओं का संवर्धन किया है और इसकी मोलेकुलर माइक्रोबायोलोजी में आवश्यक विशेषज्ञता है। लैब के पास बायोसेफ्टी लेवल (बीएसएल)-3 सुविधा सहित अपेक्षित अवसंरचना है जैसाकि प्रयोगशालाओं को परीक्षण से पूर्व सभी प्रकार की बायोसेफ्टी और जैव सुरक्षा सावधानियां बरतने को कहा गया है। रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमेरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) उपकरणों से सुसज्जित एक नवनिर्मित्त बीएसएल-2प्लस विरोलाजी लैब भी स्थापित की गई है। जल्द से जल्द परीक्षण प्रचालित करने के लिए नैदानिक नमूनों के परीक्षण के लिए आवश्यक सभी अनिवार्य अनुमोदन प्राप्त कर लिए गए हैं।
नैदानिक नमूनों के परीक्षण के अतिरिक्त सीएसआईआर-इमटेक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के जरिये स्वास्थ्य पेशेवरों की सहायता भी कर रही है जिससे कि उन्हें किसी संक्रमित व्यक्ति के उपचार के दौरान किसी संक्रमण से बचाया जा सके। संस्थान लाजिस्टिक्स एवं अवसंरचना सहायता उपलब्ध कराने के जरिये स्थानीय प्रशासन एवं चंडीगढ़ की रेडक्रास यूनिट की भी सहायता कर रहा है।