Home छत्तीसगढ़ हिन्दपीढ़ी में पकड़ी गयी विदेशी महिला निकली कोरोना पॉजिटिव

हिन्दपीढ़ी में पकड़ी गयी विदेशी महिला निकली कोरोना पॉजिटिव

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झारखंड में पहला केस कन्फर्म
रांची।
झारखंड में कोरोना का पहला केस कन्फर्म हुआ है. राज्य के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने इस खबर की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि 30 मार्च को रांची के हिंदपीढ़ी के मस्जिद से 24 लोगों को निकाला गया था. उनमें से एक का कोरोना टेस्ट पोजिटिव पाया गया है. बताया जाता है जिसका कोरोना टेस्ट पोजिटिव पाया गया है, वह महिला है. महिला मलेशिया की रहने वाली है. सभी जमात पर आये थे और हिंदपीढ़ी के एक मस्जिद में रह रहे थे. एक सूचना के बाद प्रशासन ने सभी को वहां से निकाला था. सभी को रिम्स ले जाया गया था. जहां पर सभी का कोरोना टेस्ट किया गया. मंगलवार को रिजल्ट आया. जिसमें एक का टेस्ट रिपोर्ट पोजिटिव पाया गया.
बता दें कि रांची के हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के बड़ी मस्जिद में रुके 17 विदेशी मुस्लिम सहित 22 लोगों को रांची पुलिस ने क्वॉरेंटाइन किया है. बताया जा रहा है कि 17 विदेशी मुस्लिम ब्रिटेन और मलेशिया के रहने वाले हैं. सभी विदेशी बड़ी मस्जिद में रुके थे. उनके साथ रह रहे 2 दिल्ली, एक हैदराबाद और 2 रांची के युवकों को भी खेलगांव स्थित आइसोलेशन में शिफ्ट किया गया था. जांच में उनके पास से मिले पहचान-पत्र के अनुसार, इनकी पहचान चीन के मा मेंनाई, ये देहाइ, मा मेरली, किर्गिस्तान के नूर करीम, नारलीन, नूरगाजिन, अब्दुल्ला और कजाकिस्तान के मिस्नलो, साकिर, इलियास के रूप में हुई थी. सभी को पुलिस ने मुसाबनी ट्रेनिंग स्कूल में क्वॉरेंटाइन के लिए भेज दिया था.
सभी विदेशी नागरिक जमात पर आये थे इंडिया
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, हिंदपीढ़ी स्थित बड़ी मस्जिद से जिन 17 विदेशी नागरिकों को पुलिस ने क्वॉरेंटाइन में भेजा है. वह सभी केंद्र सरकार की परमिशन से जमात पर आये हुए हैं. उनको गाइड करने के लिए उनके साथ भारत के पांच अन्य लोग भी थे. सभी लोगों को पुलिस ने क्वॉरेंटाइन करके रखा है. फिलहाल सभी के बारे में जानकारी ली जा रही है. उनके पासपोर्ट और वीजा की भी जांच चल रही है.
रांची के तमाड़ मस्जिद से भी मिले थे 11 विदेशी मुस्लिम
इससे पहले रांची जिला के तमाड़ स्थित राडग़ांव मस्जिद में चीन और अन्य दो देशों के 11 मौलवियों को प्रशासन ने बीते 24 मार्च हिरासत में ले लिया था. इनमें चीन के तीन, किर्गिस्तान के चार और कजाकिस्तान के चार मौलवी शामिल थे.