पटना
छपरा की मेयर राखी गुप्ता को बर्खास्त (Chapra Mayor Rakhi Gupta News) कर दिया गया है। उन पर ये कार्रवाई इसलिए हुई क्योंकि राखी गुप्ता 3 बच्चों की मां हैं। उन्होंने अपने हलफनामे में दो बच्चों की जानकारी दी थी। नियम ये कहता है कि मेयर का चुनाव वही लड़ सकता है। जिसके दो बच्चे हैं। दो से अधिक बच्चे जिनके हैं वो मेयर का चुनाव नहीं लड़ सकता। नियम के अनुसार, मेयर के चुनाव उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा जिसने तीसरे बच्चे को गोद ले रखा है।
इतना ही नहीं अगर मेयर के चुनाव में खड़े होने वाले का तीसरा बच्चा है और उसने इस बच्चे को किसी को गोद दे दिया है। तब भी तीसरे बच्चे का बायोलॉजिकल फादर या मदर उसे माना जाएगा। ऐसा मानकर उसकी पात्रता रद्द कर दी जाएगी।
क्या कहता है निर्वाचन आयोग
पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणि भूषण सिंगर कहते हैं 2022 में निर्वाचन आयोग की ओर से नियमें कुछ बदलाव किए गए थे। नियमों को सख्त किया गया था। 'हम दो, हमारे दो' के नियमों को मजबूती से पालन करने के लिए चुनाव आयोग ने दो चाइल्ड पॉलिसी के तहत इसे मेयर चुनाव के लिए भी अनिवार्य किया था। लेकिन मेयर राखी गुप्ता के मामले में पता चला कि उन्होंने जानकारी छुपाई।
इसलिए राखी गुप्ता पर हुआ एक्शन
निर्वाचन आयोग ने गलत हलफनामा दाखिल करने के मामले में राखी गुप्ता को दोषी पाया है। जिसके तहत उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। राखी गुप्ता ने पहली बार मेयर का चुनाव लड़ा था और उन्होंने इसमें जीत हासिल की थी। अब राखी गुप्ता इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जाने का मन बना रही हैं। उनका कहना है कि कोर्ट मेरे साथ न्याय करेगा।
यह है नियम
– बिहार में निकाय चुनाव आम चुनाव 2022 में 2 बच्चों के माता-पिता ही उम्मीदवार हो सकते हैं।
– अगर किसी व्यक्ति के दो से अधिक संतान हैं और वह तीसरी संतान को गोद दे देते हैं तो भी वह मेयर के चुनाव के लिए अयोग्य हो जाएंगे।
– चुनाव आयोग तीसरी संतान को जैविक पिता मानेगा।
– गोद लेने वाला व्यक्ति उसका पिता नहीं माना जाएगा।
– गोद देने के बाद भी उसकी तीसरी संतान की वास्तविक संख्या में कोई कमी नहीं मानी जाएगी।
– ऐसे दंपत्ति या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे।