गाजियाबाद
अगर आप हाईटेक टेक्नोलॉजी वाली कार या सिक्योरिटी फीचर लगाकर इस बात से निश्चिंत हैं कि आपकी कार चोरी नहीं होगी तो यह खबर आपके के लिए बहुत जरूरी है। दरअसल, क्राइम ब्रांच ने देशभर में वाहन चोरी करने वाले एक गैंग के चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरोह वाहन की चाबी बनाने के लिए टैब के साथ ही कार के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को फेल करने के लिए जैमर भी साथ लेकर जाते थे।
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि चारों को इंदिरापुरम एरिया से पकड़ा गया है। इनके पास से दो ब्रेज़ा और एक किआ सेल्टॉस कार बरामद की गई है। इसके अलावा बदमाशों के पास से कई चोरी में प्रयोग किए जाने वाले हाईटेक इक्विपमेंट, जैमर, अपडेटेड ऐप के साथ टैब, ईवी ड्रिल मशीन, चिप के साथ 25 चाबी आदि सामान बरामद हुए हैं। आरोपियों की पहचान बुलंदशहर के रहने वाले रिंकू उर्फ नूर मोहम्मद, बागपत के हाकिम, मेरठ के मोहसीन और शाकिर के रूप में हुई है। इस गिरोह का सरगना रिंकू सिर्फ 8वीं पास है।
कार कंपनी के गैराज से लेते हैं हैकिंग ऐप
पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी रेकी के बाद नए मॉडल की कार को ही टारगेट करते थे। कार की डिमांड की जानकारी मोहसीन, शाकिर, सुनील काला और चांदल लेकर आते थे। इसके बाद रेकी और चोरी करने का काम रिंकू, हाकिम और इस्माइल करते थे। रिंकू ने पुलिस को बताया कि उनके दिल्ली-एनसीआर में स्थित कई बड़ी कार कंपनी के गैराज में पहचान है। वह वहीं से एडवांस चाबी बनाने के लिए ऐप लेते हैं।
आरोपियों के टैब से जो ऐप मिला है वह अपडेटेड है। बदमाश चोरी के लिए अपने इक्विपमेंट के साथ जाते हैं। वहां जैमर से पहले तो कार के सिस्टम को फ्रीज़ कर दिया जाता है। इसके बाद वह टैब को कार के सिस्टम से कनेक्ट कर उसकी डिजिटल चाबी तैयार करते हैं और फिर कार को स्टार्ट कर ले जाते हैं। पुलिस अब उन गैराज के लोगों के बारे में भी जानकारी कर रही है जो आरोपियों को अपडेट ऐप दे रहे थे।
चोरी किए 500 से अधिक वाहन
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि गैंग करीब 10 साल से काम कर रहे हैं। उसमें रिंकू इसे लीड करता है। बदमाश 500 से अधिक वाहन चोरी कर चुके हैं। रिंकू पर 36, हाकिम पर 32, मोहसीन पर 7 और शाकिर पर 13 मामले दर्ज हैं। एडीसीपी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनके साथियों के बारे में जानकारी की जा रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
कई राज्यों में बेची जा रही हैं कार
आरोपियों ने बताया कि वे कार को चोरी कर उसके फर्जी पेपर तैयार कर गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में बेचते हैं। इस कार को बेचने का काम गैंग का एक अन्य सदस्य करता है। इसमें स्क्रैप हुई कार का इंजन और चेसिस नंबर लगाया जाता है, जिससे कार पूरे पेपर के साथ अच्छे दामों में बेच सकें। पुलिस इस मामले में कार के नेपाल भेजने के पॉइंट की जांच कर रही है।