बुलंदशहर
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की एक अदालत ने बुधवार को चार साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या करने के जुर्म में एक व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई है और उसपर 1 लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही जज ने विशेष टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह घिनौना काम कोई हैवान ही कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही जघन्य अपराध है।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
पुलिस के मुताबिक जहांगीराबाद के एक मोहल्ले में एक शख्स की 4 साल की बेटी 23 अप्रैल की शाम 4 बजे के करीब घर से बाहर खेल रही थी तथा कुछ समय बाद जब उसकी पत्नी ने घर के बाहर जाकर देखा तो उसकी बेटी वहां से गायब थी। पुलिस के अनुसार उसके बाद उसने काफी लोगों के साथ अपनी बेटी को ढूंढना शुरू किया। पुलिस ने बताया कि सभी लोग बच्ची को तलाश रहे थे कि इस दौरान रात 9 बजे के करीब वादी की चचेरी बहन बच्ची की तलाश करती हुई पड़ोस में रहने वाले फईम के घर पहुंची और पूछताछ की तो फईम अपने कमरे से बाहर आया एवं उसके कपड़े पर खून लगा हुआ था।
7 मई को पुलिस ने अदालत में दाखिल कर दिया था आरोप पत्र
पुलिस के मुताबिक फईम के बिस्तर पर पड़ी चादर पर खून लगा था। जब बच्ची को तलाशा गया तो वह मृत अवस्था में बिस्तर के नीचे पड़ी थी। यह देख उसने चिल्ला कर आवाज लगाई तब मौके पर काफी लोग इकठ्ठा हो गए।आक्रोशित लोगों ने फईम को पकड़ कर पीटा। इस मामले में उसी दिन भादस की धाराओं और पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद 7 मई को पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।
आरोप पत्र दाखिल होने के बाद 2 महीने में पूरी करवाई गई सुनवाई
बताया जा रहा है कि बीते बुधवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम)/अपर सत्र न्यायाधीश ध्रुव राय की अदालत ने फईम को दोषी ठहराते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई और उसपर 1 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इस दौरान जज ने विशेष टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह घिनौना काम कोई हैवान ही कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही जघन्य अपराध है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि इस मामले में मात्र 10 दिवस में विवेचना पूरी की गई। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद 2 महीने में इसकी सुनवाई पूरी करवाई गई।